रायपुर. आगामी 16, 17 और 18 मार्च को विदेश की धरती में भी करमा, ददरिया और सुआ गीत गूंजेगा. मांदर-मंजीरा की धुन पर लोग थिरकेंगे. छत्तीसगढ़ के आरुग बैंड को न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के मध्य द्वीप फिजी में भारतीय दूतावास द्वारा छत्तीसगढ़ से एक मात्र आरुग बैंड को प्रस्तुति के लिए बुलाया गया है. आपको बता दें कि फिजी में भारत महोत्सव छह महीने के लिए आयोजित किया गया है. विगत अक्टूबर-2017 से मार्च-2018 तक यह कार्यक्रम आयोजन निर्धारित है.
इस आयोजन में भाग लेने 6 दलों में एक मात्र ग्रुप आरुग बैंड को आमंत्रित किया गया है. दल प्रमुख पद्मश्री अनुज शर्मा सहित 12 सदस्यों वाले आरुग बैंड में विवेक टांक, डेविड निराला, सेवक राम यादव, रामचंद्र सरपे, सौरभ महतो, राम कुमार साहू, दीपमाला शर्मा, सुमन साहू, स्मिता शर्मा, किरण साहू और ज्ञानिता द्विवेदी शामिल हैं. फिजी के भारत महोत्सव में कोरियोग्राफर निशांत उपाध्याय और ड्रेस डिजाईनर विभा आशुतोष भी मौजूद रहेंगे. आरूग बैंड का कार्यक्रम 16 मार्च को फिजी की राजधानी सुवा में, 17 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वाले शहर नान्डी और 18 मार्च को एक प्रमुख शहर बा में है. जहां प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थित है.
देश के प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति देने के बाद बैंड पहली बार विदेश में छत्तीसगढ़ का संगीत परफार्म करने जा रहा है. अपनी प्रस्तुति में छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय पारम्परिक गायन शैली करमा, ददरिया, सुवा, कायाखंडी के साथ ही साथ ऐसे गीतों का संयोजन भी है जो अब प्रचलन में नहीं है. इस बैंड की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें केवल पारम्परिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाता है. जिनमें दफड़ा, गुदुम, मांदर, ढोल, टिमकी, झांझ, मंजीरा, खंजरी, मोहरी, बांसुरी, हारमोनियम, बेंजो, तबला, ढोलक, घुंघरू आदि का प्रयोग किया जाता है. अत्याधुनिक वाद्य यंत्रों के इस दौर में केवल लोक वाद्यों का प्रयोग आरूग बैंड को भीड़ से अलग बनाता है.