गरियाबंद। तस्वीर में साइकिल पर बैठा ये नौजवान कर्नाटक से आया है. ये नौजावन साइकिल से भारत भ्रमण को निकला है. भारत की संस्कृति और अलग अलग राज्यों में रहने वालों के कल्चर को जीना चाहता है. अलग अलग राज्यों में कैसे लोग अपना जीवन यापन करते हैं, उनके रहन सहन को क़रीब से महसूस करना चाहता है.

ये उसके जीवन का लक्ष्य है. वो लगभग 300 दिन से लगातार साइकिल से अपने यात्रा पर निकला हुआ है, जो सात राज्यों से घूमने के बाद आज गरियाबंद पहुंचा और रास्ते पर उनकी मुलाक़ात रायपुर रोड स्थित सन राइस इड्रस्टीज के ओनर अफ़रोज़ मेमन से हुई.

अफ़रोज़ और सुदर्शन के बीच बातों का सिलसिला आगे बढ़ा, साथ में चाय नास्ता का दौर चला. भारत भ्रमण में निकला 23 वर्षीय सुदर्शन ने अपनी यात्रा के बारे में बताया कि वो कैसे इस सफ़र पर निकला. उसने बताया कि वो रास्ते में कमाता है, कहीं पर पेंट कर लिए तो कहीं मज़दूरी कर लिए तो कहीं सफ़ाई का काम कर लिए और उन्ही पैसों से अपनी ज़रूरत का सामान लेकर अपने अगले मंज़िल की ओर निकल पड़ता है.

उसने अपनी साइकिल को ही पूरा अपना घर बना लिया है. साइकिल में टेंट हाउस और कुछ साइकिल रिपेरिंग का समान रखा हुआ है. जहां थकान लगी अपना टेंट लगा कर आराम करता है. भारत भ्रमण में निकला सुदर्शन सिर्फ़ 23 साल का है. उनका कहना है कि मैं भारत को जीना चाहता हूं. मुझे वो हर चीज़ देखना है, जो मैंने किताबों में पढ़ा है.

मैं भारत को किताबों में या टीवी पर नहीं देखना चाहता, ये मेरी जीवन का लक्ष्य है. मैं पूरा भारत घूमना चाहता हूं. अपनी साइकिल पर. फ़िलहाल मैंने 300 दिनों में सात राज्यों को देखा है. आने वाले दो साल में पूरे भारत भ्रमण का सपना पूरा हो जाएगा.

बात यहीं ख़त्म नहीं होती जब ये नौजवान सारी बात बताने के बाद जब अपनी अगली मंज़िल को निकला, अफ़रोज़ भाई ने चुपके से इस नौजावन के जेंब में हज़ार रुपए डाल दिए. उसके मना करने के बाद भी अफ़रोज़ मेमन ने उसे ज़िद कर पैसा दिया. साथ में अपना फ़ोन नम्बर भी दिया और क़हा मेरे भाई छत्तीसगढ के अंदर अगर किसी भी चीज़ की तकलीफ़ होगी तो मुझे फ़ोन करना. फिर नौजवान अफ़रोज़ मेमन और गरियाबंद की मीठी यादें लेकर अपनी अगली मंज़िल की ओर निकल पड़ा.

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