सौभाग्य के द्वारहिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास का शुभारंभ हो चुका है. यह महीना भगवान विष्णु की उपासना, तीर्थस्नान, दीपदान और दान-पुण्य का अद्वितीय अवसर लेकर आता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में स्नान और दान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है. यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश कार्तिक मास के पहले दिन से कार्तिक स्नान शुरू नहीं कर पाता, तो उसे बीच में भी आरंभ किया जा सकता है.

शास्त्रों का मत है कि श्रद्धा और पवित्र भावना से किए गए कार्तिक स्नान, दीपदान और व्रत का फल उतना ही उत्कृष्ट और पूर्ण माना जाता है, जितना प्रारंभ से करने का होता है. इस मास में रोज भोर के समय पवित्र नदी, सरोवर या घर पर स्नान कर भगवान विष्णु का ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र से पूजन करें. शाम को दीपदान कर तुलसी, भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करने से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है.