नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार उन्होंने भारत विरोधी नहीं बल्कि मध्य-पूर्व के हालात देखकर सोशल मीडिया साइट में पोस्ट कर भारतीय होने पर गर्व जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कसीदे पढ़े हैं. इस पोस्ट को देखने-पढ़ने के बाद लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर ये क्या हुआ, कैसे हुआ, कब हुआ!

दरअसल, शेहला राशिद ने इजरायल-हमास के बीच जारी जंग पर अपनी सोशल मीडिया X पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि मिडिल ईस्ट की घटनाओं को देखते हुए आज मुझे एहसास हो रहा है कि भारतीय होने के नाते हम कितने भाग्यशाली हैं. उन्होंने लिखा कि भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने हमारी सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया है. कश्मीर में शांति लाने के लिए जहां उचित है वहां श्रेय दें.

बता दें कि शेहला रशीद पहली बार 2016 में उस समय खबरों में आई थीं, जब कन्हैया कुमार और उमर खालिद के साथ-साथ उन पर भी जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में उनकी नाम आया था. इसके अलावा उन्होंने 2019 में सशस्त्र बलों पर घरों में तोड़फोड़ करने और कश्मीर में भय का माहौल पैदा करने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था. इस ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था.

कश्मीर से धारा 370 हटने का असर!

इस साल अगस्त में शेहला रशीद ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम वापस ले लेते हुए कहा था कि यह स्वीकार करना कितना भी असुविधाजनक हो, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन के तहत कश्मीर में मानवाधिकार के मामलों में सुधार हुआ है. सरकार के स्पष्ट रुख ने लोगों का जीवन बचाने में मदद की है. 

आईएएस फैसल ने भी बदला है रूख

केवल शहला रशीद ही नहीं बल्कि नामचीन कश्मीरी आईएएस शाह फैजल भी जम्मू-कश्मीर की स्थिति को देखते हुए अपने रूख में बदलाव किया है. शाह फैजल ने 2019 में राजनीति में शामिल होने के लिए सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया और फिर अपनी पार्टी बना ली थी. लेकिन समय के साथ कश्मीर के बदलते हालात को देखते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस लेने के साथ राजनीतिक महत्वकांक्षा को छोड़कर फिर से आईएएस की नौकरी ज्वाइन कर ली है.