कटिहार। आम नागरिकों से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का उदाहरण बिहार के कटिहार जिले में देखने को मिला है। बारसोई थाना प्रभारी रामचंद्र मंडल को एक रेस्टोरेंट में भाई-बहन से बदसलूकी करने और आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद की गई।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित युवक यश अग्रवाल ने बताया कि 24 अक्टूबर की शाम वह अपनी बहन और कुछ दोस्तों के साथ बारसोई के एक रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे। इसी दौरान थाना प्रभारी रामचंद्र मंडल अपने दल-बल के साथ वहां पहुंचे। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि थानाध्यक्ष युवक से पूछते हैं कि उसके साथ बैठी लड़की कौन है। यश के जवाब देने पर एसओ भड़क उठते हैं और कहते हैं इतना जोर से क्यों बोल रहे हो? तथा ज्यादा गर्मी मत दिखाओ।
बदसलूकी का आरोप
यश अग्रवाल के अनुसार पुलिस ने बिना कारण पूछताछ की और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के इस रवैये से उन्हें और उनकी बहन को मानसिक पीड़ा हुई। वहीं पुलिस प्रशासन का कहना है कि उन्हें रासचौक इलाके में असामाजिक तत्वों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम जांच के लिए पहुंची थी।
पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कटिहार पुलिस प्रशासन हरकत में आया। डीएसपी अजय कुमार ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि जांच में थानाध्यक्ष का व्यवहार अनुचित पाया गया है। उन्होंने कहा बारसोई थानाध्यक्ष रामचंद्र मंडल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आगे की विभागीय जांच की प्रक्रिया जारी है।
पुलिस की साख पर सवाल
यह घटना एक बार फिर पुलिस की जनसंपर्क छवि पर सवाल खड़े करती है। हालांकि, उच्चाधिकारियों की त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि जनता के साथ दुर्व्यवहार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह मामला दिखाता है कि बिहार पुलिस अब अपने अधिकारियों की गलतियों को नजरअंदाज नहीं करेगी और जवाबदेही की संस्कृति को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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