प्रतीक चौहान. रायपुर. कबीरधाम में हुए झंडा विवाद के बाद अब वहां 108 फीट भगवा ध्वज फहराने की तैयारी है. इसके लिए मंत्री मोहम्मद अकबर ने 600 फीट जगह भी आवंटित करवाई है. मंत्री अकबर से श्री शंक्रराचार्य जनकल्याण न्यास-कवर्धा ने 108 फीट का भगवा ध्वज फहराने की इच्छा जाहिर की तब उन्होंने इसका स्वागत करते हुए कहा था कि हर धर्म का सम्मान है. साथ ही उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को भगवा ध्वज स्थापित किए जाने के लिए स्थान आवंटित करने के निर्देश दिए थे.
लेकिन अब भगवा लहराने के इस पूरे मामले में नया ट्विस्ट आ गया है. ट्विस्ट ये है कि इस भव्य कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल को साइड कर दिया गया है. इसकी पुष्टि भी विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में की है.
भगवा फहराने का ये भव्य कार्यक्रम श्री शंक्रराचार्य जनकल्याण न्यास-कवर्धा द्वारा किया जा रहा है. उक्त संस्था से जुड़े चंद्रप्रकाश उपाध्याय से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि हमने सभी हिंदू संगठनों को कार्यक्रम में न्योता दिया है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है ?. तो उन्होंने इसका सीधा जवाब न देते हुए पुनः अपनी बात दोहराई कि हमने सभी हिंदू संगठनों को बुलाया है.
लेकिन हमने जब अधिकृत रूप से विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी घनश्याम चौधरी से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि हां, ये सच है कि विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों को श्री शंक्रराचार्य जनकल्याण न्यास-कवर्धा द्वारा नहीं बुलाया गया है. क्यों नहीं बुलाया गया है, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है. यही कारण है कि संगठन के पदाधिकारी होने के नाते इस कार्यक्रम में वे शामिल नहीं होंगे और वे इस कार्यक्रम के ठीक 4 दिन पहले 6 दिसंबर को अपना अलग कार्यक्रम करेंगे, जिसमें कुल 27 जगहों पर भगवा फहराने की तैयारी कर रहे है.
भगवा फहराने 6 दिसंबर की तारीख ही क्यों चुनी ?
आखिर कवर्धा में भगवा फहराने के लिए दिसंबर की तारिख ही क्यों चुनी गई. इसके पीछे भी एक वजह है. याद कीजिए 6 दिसंबर 1992 का वो दिन, जो इतिहास बन गया. 6 दिसंबर को अयोध्या में वह सब हो गया, जिसकी सबको आशंका थी. लेकिन कोई ऐसा होते देखना नहीं चाहता था. फिर भी ऐसा हुआ. एक अतीत, एक इतिहास जिसे उस दिन का वर्तमान ‘इतिहास’ होते देख रहा था. उस घटना की कसक आज भी ताजा है. यही कारण है कि कवर्धा में भी भगवा फहराने के लिए वीएचपी ने इसी तारिख को चुना और अब यहां 27 जगहों पर भगवा ध्वज फहराने की तैयारी है.
10 दिसंबर को क्या होने वाला है
कवर्धा के लोहारा नाका चौक में 108 फीट झंडे लगाने के लिए भूमिपूजन का कार्य सम्पन्न हुआ, जिस व्यक्ति से झंडा विवाद की शुरुआत हुई थी, उसी दुर्गेश देवांगन के हाथों भूमिपूजन कराया गया. आपको यहां ये बताना जरूरी है कि दुर्गेश देवांगन बजरंग दल से पिछले कुछ वर्षों से जुड़े हुए है और वे विश्व हिंदू के प्रखंड के संयोजक है.
इस दिन स्वामी आविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी वहां मौजूद रहेंगे. 10 दिसंबर को प्रदेश का सबसे ऊंचा 108 फीट का भगवा ध्वज लोहारा नाका चौक में लगाया जाएगा. यहां 5100 महिलाएं राम जानकी मंदिर से कलश यात्रा निकालेंगी. ये कलश यात्रा लोहारा नाका में समापन होगी. 13 अखाड़ों के महामण्डलेश्वरों समेत चारों पीठ के शंकराचार्य के प्रतिनिधि झंडा स्थापना में शामिल होंगे. इस दौरान धर्मसभा को संबोधित करेंगे.
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