कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा से एक अजब गजब कहानी सामने आई है. यहां कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने नगर पंचायत पांडातराई के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता त्रिलोचन सिंह सलूजा को पार्टी से बर्खास्त करना था, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता को पार्षद समझकर निलंबित कर दिया. इसे भूल को लेकर जिले में जमकर सियासत जारी है.

दरअसल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता त्रिलोचन सिंह सलूजा को पार्टी के खिलाफ षडयंत्र रचने और कई मामलों में संलिप्ता पाए जाने के कारण निलंबित करना था, उनको निलंबित किया गया, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि त्रिलोचन सिंह सलूजा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, जिनको जिला अध्यक्ष ने पार्षद बताकर निलंबित कर दिया.

जिला अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी की बड़ी लापरवाही को लेकर जिले में सियासी बाजार गर्म है. लोगों का कहना है कि जिला अध्यक्ष नींद में फरमान जारी किए हैं, जिनको पता ही नहीं है कि कौन पार्षद और कांग्रेस नेता है. जिलाध्यक्ष इसके पहले 5 पार्षदों को पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में निलंबित कर चुके हैं.

वहीं पांडातराई नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज खान का कहना है कि जल्दबाजी के कारण अध्यक्ष और मैं खुद नहीं देख पाए. अभी हाल में में 5 पार्षदों को जिला अध्यक्ष ने पार्टी से निलंबित किया था. उसी चक्कर में कंप्यूटर ऑपरेटर की गलती के कारण हुआ है, फिर बाद में सुधार कर प्रेस रिलीज जारी किया जाएगा.

कांग्रेस पार्टी से निष्काशित सलूजा सिंह का कहना है कि 52 साल से पार्टी का सेवा कर रहा हूं. मेरे को दिनांक 01-06-2022 को जिला अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी का नोटिस प्राप्त हुआ था, जिसमें मेरे ऊपर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाए थे. इस संबंध में 7 दिन के भीतर जवाब मांगी गई थी.

अध्यक्ष को मैने स्पष्ट रूप से वाट्सएप में 6 तारीख तक जवाब देने की बात कही थी. मुझे खेद इस बात कि है अध्यक्ष ने नोटिस जवाब 7 दिन के भीतर मांगी थी, लेकिन इन्होंने 7 दिन तक इंतजार किए बिना पार्टी से निष्काशित कर दिया.

बता दें कि इसके पहले वार्ड नम्बर 9 के पार्षद प्रिया गुप्ता, जसबीर सलूजा, सविता पाटस्कर, सरोज और संतोष गोयल को पहले से पार्टी विरोधी काम के आरोप में जिला अध्यक्ष ने मीडिया के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निष्काशित कर दिया था.

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