सुप्रिया पांडेय, रायपुर। कवर्धा में प्रशासन मंत्रियों के दबाव में निर्णय नहीं रहा है. एफआईआर करने में 48 घंटे लग जाते हैं. उसके बाद भी एकतरफा कार्रवाई हो रही है. यह बात पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कवर्धा में पुलिस लाठीचार्ज में घायल पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के लिए रायपुर से रवाना होने से पहले कही.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कवर्धा को शांति का टापू कहा जाता है, ऐसी जगह पर इस तरह की परिस्थिति क्यों निर्मित हुई? कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कवर्धा में विस्फोटक जैसी स्थिति निर्मित हुई, वहां धारा 144 कभी भी नहीं लगाई गई थी. लोगों से इस बात की जानकारी लेने की कोशिश करूंगा. घटना की वजह जानने का प्रयास करूंगा कि ऐसी परिस्थितियां निर्मित क्यों हो रही.

उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रियों के दबाव में प्रशासन निर्णय नहीं ले रही है, एफआईआर करने में 48 घंटे लग जाते हैं. उसके बाद भी एकतरफा कार्रवाई हो रही है. 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तार कर ये समाज के समाज को क्या दिखाना चाहते हैं. क्या कवर्धा के लोगों को धमकाकर, कवर्धा जिले को बंधक बनाकर शांति स्थापित हो सकती है? मामले में न्यायिक जांच की जरूरत है, दोनों पक्षों कार्रवाई होनी चाहिए.

पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और सांसद संतोष पाण्डेय पर लगे आरोपों पर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेसियों की जबान में जो बातें आ रही है, वह यही बता रही है कि इस घटना को राजनीतिक मोड़ देने की कोशिश हो रही है. राजनीति करते-करते 3 साल में इन्होंने कवर्धा को जला डाला. मैं चाहता हूं कि कवर्धा में शांति स्थापित हो. कांग्रेस में इस तरह की मानसिकता पनप रही जिसे शांत होना चाहिए.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के यूपी दौरे को लेकर कहा पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुछ बताने लायक नहीं है, इसलिए वो उत्तर प्रदेश जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ को कोई नहीं जानता, छत्तीसगढ़ में भू-माफिया, रेत माफिया, शराब माफिया का राज चल रहा है. छत्तीसगढ़ कर्ज के बोझ से डूबा हुआ है, वे यहां के यथार्थ को बताएं.