रायपुर. नवंबर महीने में गुलाबी ठंड ने दी दस्तक. मौसम विभाग के अनुसार अधिकांश जिलों में सुबह के समय धुंध छाए रहती है. दशहरा की अगली सुबह से ही ठंड की रफ्तार में वृद्धि देखने को मिल रही है. अभी हाल के समय में दिन में थोड़ा तापमान अधिक रहेगा. वहीं शाम और सुबह के दौरान तापमान में गिरावट होने से गुलाबी ठंड शुरू हो गई है.

मौसम के मिजाज में हुए बदलाव के साथ ही इंसानों से लेकर पशुओं के स्वास्थ्य पर असर देखने को मिल रहा है. इस दौरान पशुपालकों को पशुओं सहित उनके बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

भैंस के बच्चे के बीमार होने की संभावना ज्यादा

इस समय जिस तरह से मौसम बदल रहा है, उसे देखते हुए भैंस के बच्चों को बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके लिए नवजात पशुओं के बच्चों को रात के समय बाड़े में रखना चाहिए. इसके साथ ही सुबह के समय धूप दिखाना चाहिए. वहीं दोपहर में बाड़े में ही पशुओं को रखना चाहिए क्योंकि इस दौरान निमोनिया का खतरा अधिक रहता है. अक्टूबर से लेकर नवंबर महीने के बीच बदलते मौसम की वजह से गाय की अपेक्षा भैंस के बच्चों में बीमारी का खतरा अधिक रहता है.

ऐसे करें पशुओं का बीमारी से बचाव

पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए जानवरों को टीका लगवाना चाहिए. इसके अलावा मुख्य बात यह है कि जानवरों को खाली पेट नहीं रखना चाहिए. जानवरों को छायादार स्थान पर बांधना चाहिए. जानवरों को बैठने के स्थान वाली जगह सूखी होना चाहिए. इसके नीचे पुआल बिछाना चाहिए. गीला होने पर उसे बदलते रहना चाहिए. जानवरों के बच्चों को आग की गर्माहट देते रहना चाहिए.