नई दिल्ली। दिल्ली के शिक्षा मॉडल की चर्चा अब देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है. विश्व के सभी देश दिल्ली एजुकेशन मॉडल और यहां एजुकेशन में किए गए नए-नए इनोवेशन को जानना चाहते हैं. इसी दिशा में उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया आज तीन दिवसीय दुबई दौरे पर गए हैं, जहां वो विख्यात रिवायर्ड शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. उपमुख्यमंत्री सिसोदिया विशेष रूप से हाई-पॉवर पैनल डिस्कशन में एस्टोनिया, इटली, बांग्लादेश और सऊदी अरब के शिक्षा मंत्रियों के साथ इनोवेशन इन एजुकेशन नाम के पैनल डिस्कशन में दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए माइंडसेट करिकुलम पर चर्चा करेंगे. दुबई के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ब्रिटेन के मंत्री माइक फ्रीर के साथ दिल्ली-ब्रिटेन के बीच शिक्षा के आदान-प्रदान को लेकर द्विपक्षीय पार्टनरशिप को लेकर भी चर्चा करेंगे.

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इस सम्मलेन में उपमुख्यमंत्री के साथ शिक्षा सचिव एच राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता और उच्च शिक्षा निदेशक रंजना देशवाल भी शामिल होंगी. शिखर सम्मलेन में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शिक्षा में नवाचार की आवश्यकता पर अन्य स्पीकर्स जिनमें एस्टोनिया जिन्हें शिक्षा के क्षेत्र में पीसा की रैंकिंग में प्रथम स्थान दिया गया है की शिक्षा मंत्री लीना केर्सन, इटली के शिक्षा मंत्री पैट्रिज़ियो बियांचि, संयुक्त अरब अमीरात की मिनिस्टर ऑफ़ स्टेट पब्लिक एजुकेशन जमीला महेरी, सऊदी अरब के शिक्षा मंत्री मोहम्मद अल-सुदैरी व बांग्लादेश के शिक्षा मंत्री डॉ. दीपू मोनी एमपी जैसे प्रमुख वैश्विक नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और दुनियाभर से आए शिक्षाविदों, संस्थानों, ब्यूरोक्रेट्स, नीति-निर्माताओं और राजनेताओं के साथ केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के शिक्षा मॉडल में अपनाए गए नए इनोवेशन व बच्चों में ग्रोथ माइंडसेट विकसित करने के लिए शुरू किए गए करिकुलम को साझा करेंगे.

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दिल्ली एजुकेशन मॉडल में अपनाए गए नवाचार दिल्ली शिक्षा क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शानदार इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के बाद दिल्ली सरकार ने बच्चों में ग्रोथ माइंडसेट डेवलप करने का काम किया. इस दिशा में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में 3 माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की गई. इनमें हैप्पीनेस माइंडसेट करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व देशभक्ति करिकुलम शामिल है. दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति करिकुलम की शुरुआत 2018 में हुई. इसका उद्देश्य बच्चों को तनावमुक्त बनाकर खुश रहना सीखाना और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना है. हैप्पीनेस करिकुलम के तहत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 10 लाख से ज्यादा बच्चे रोज़ सुबह माइंडफुलनेस का अभ्यास करते हैं. कोरोना के मुश्किल दौर में भी इन बच्चों ने माइंडफुलनेस का अभ्यास अपने घरों में जारी रखा. बच्चों के पेरेंट्स ने भी माइंडफुलनेस का अभ्यास किया और एक तनावमुक्त माहौल बनाने में योगदान दिया. आज कई देश और भारत के 20 से अधिक राज्य हैप्पीनेस करिकुलम को सीखकर अपने राज्य में अपनाने को लेकर दिल्ली सरकार के स्कूलों को विजिट कर चुके हैं.