नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दूसरे दलों के नेताओं से छठ पूजा को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि नदियों के किनारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने पर रोक कोविड-19 महामारी को देखते हुए लाखों लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई गई है.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विरोधी दलों के नेताओं से आह्वान किया कि वे इसके बजाय कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर जागरूकता पैदा करने संबंधी सरकार की कोशिशों में शामिल हों.

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि सभी लोग हरेक त्योहार हर्षोल्लास से मनाएं और जिंदगी वापस पटरी पर लौट जाए. उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा टला नहीं है, ऐसे में अगर एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ, तो वह पानी के माध्यम से सभी को संक्रमित कर सकता है. केजरीवाल ने कहा कि हम कोरोना की सेकेंड वेव देख चुके हैं. इसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. दिल्ली में भी वायरस का काफी संक्रमण था, ऐसे में किसी भी तरीके का खतरा नहीं उठाया जा सकता है.

 

केजरीवाल ने की अपील

 

केजरीवाल ने कहा कि ”मैं हाथ जोड़कर अन्य पार्टियों के नेताओं से अपील करता हूं कि वे इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करें। उन्हें इसकी जगह महामारी को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने संबंधी सरकार के प्रयासों में साथ देना चाहिए.” वहीं बीजेपी और कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा का पर्व पारंपरिक रूप से मनाने देने की मांग की है.

 

गौरतलब है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएम) ने एक आदेश जारी कर कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छठ पूजा का पर्व नदी के तटों और मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थलों पर मनाने पर रोक लगा दी है. पिछले साल भी कोविड-19 महामारी के चलते सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाने पर रोक लगाई गई थी. छठ पूजा चार दिवसीय त्योहार है और राष्ट्रीय राजधानी में बिहार, उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग बड़ी संख्या में हैं, जो इसे मनाते हैं.

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भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि शहर में छठ पूजा पर रोक लगाकर केजरीवाल ने लाखों पूर्वांचलियों का अपमान किया है. अपने आवास पर छठ पूजा समितियों की बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि अगर रोक नहीं हटाई गई, तो वे पूर्वांचलियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.