तिरुवनंतपुरम। सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ और कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ मंत्रियों के निजी स्टाफ सदस्यों की पेंशन को लेकर एकमत हैं। इस समय केरल में यदि कोई व्यक्तिगत स्टाफ सदस्य सेवा में दो साल पूरा करता है, तो वह जीवनभर पेंशन पाने का हकदार होता है, और उसके निधन के बाद उसका परिवार भी इसके लिए पात्र होता है। केरल विधानसभा ने 1994 में इस विषय पर एक विधेयक पारित किया था और जब से राज्य के खजाने मंत्रियों के पूर्व स्टाफ सदस्यों को पेंशन का भुगतान कर रहे हैं।

हालांकि, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, जो राज्य सरकार और विपक्ष के साथ खुली लड़ाई में हैं, इस बात पर अड़े हैं कि सरकार कर्मचारियों के सदस्यों को पेंशन के संबंध में एक रिपोर्ट दे। हाल ही में जब मुख्यमंत्री राजभवन में उनसे मिलने गए तो उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री को बताया था।

दिलचस्प बात यह है कि राज्य में ग्यारहवें वेतन आयोग के बाद एक निजी स्टाफ सदस्य के लिए न्यूनतम पेंशन 3,550 रुपये है। दो साल तक काम करने के बाद निजी स्टाफ के सदस्य पेंशन के हकदार होते हैं और अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में सेवा में शामिल होता है और वह 20 साल की उम्र में सेवा छोड़ देता है, तो वह पेंशन के लिए पात्र होता है। जबकि एक सरकारी कर्मचारी केरल में 56 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है, व्यक्तिगत स्टाफ सदस्य की ऊपरी आयु सीमा नहीं होती।