रायपुर. किसी जातक को अपने जीवन में निरंतर उन्नति करने और बदलाव के लिए प्रयासरत रहने के लिए जो ग्रह सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है, उसमें एक महत्वपूर्ण ग्रह है केतु. इसका स्वभाग मंगल ग्रह की तरह प्रबल और क्रूर माना जाता है.

केतु ग्रह की उत्तम स्थिति या ग्रह दशाए या अंतरदशाओं में जातक को उन्नति या बदलाव हेतु पराक्रम तथा साहस दिखाई देता है. राहु जहां आलस्य तथा कल्पनाओं का संसार बनाता है. वहीं पर केतु के प्रभाव से लगातार प्रयास तथा साहस से परिवर्तन या बेहतर स्थिति का प्रयास करने की मन-स्थिति बनती है.

केतु की अनुकूल स्थिति जहां जातक के जीवन में उन्नति तथा साकारात्मक प्रयास के लिए प्रेरित करता है. केतु की दशा में बदलाव हेतु शुक्र की स्थिति का ज्ञान कर लेना चाहिए.

बदलाव लेने से पहले केतु के शुभ प्रभाव में वृद्धि और अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए केतु की शांति करानी चाहिए, जिसमें विशेषकर गणपति भगवान की उपासना, पूजा, केतु के मंत्रों का जाप, दान तथा बटुक भैरव मंत्रों का जाप करना चाहिए. जिससे केतु का शुभ प्रभाव दिखाई देगा तथा जीवन में निरंतर उन्नति बनेगी.