Khait Parvat Maa Bharadi Temple: नवरात्रि के पावन अवसर पर पूरे देश में देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. इन्हीं में से एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है खैट पर्वत. खैट पर्वत सिर्फ परियों की धरती के नाम से ही मशहूर नहीं है, बल्कि इसकी असली पहचान यहां स्थित प्राचीन मां भराड़ी मंदिर से भी जुड़ी हुई है. यह मंदिर स्थानीय लोगों की गहरी आस्था का केंद्र है और नवरात्रि जैसे पावन अवसर पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.
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कहां स्थित है खैट पर्वत मां भराड़ी मंदिर?
मां भराड़ी का यह प्राचीन मंदिर खैट पर्वत की ऊंचाई पर स्थित है. चारों ओर फैली हरियाली, पहाड़ी रास्ते और प्राकृतिक शांति इस स्थान को बेहद पवित्र और मनमोहक बनाते हैं. यहां पहुंचने के लिए भक्तों को पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है, जो अपने आप में श्रद्धा और आस्था की यात्रा का अनुभव कराता है.
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मंदिर क्यों है लोकप्रिय? (Khait Parvat Maa Bharadi Temple)
- यह मंदिर अपनी धार्मिक मान्यताओं और लोककथाओं के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध है.
- नवरात्रि के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.
- लोगों का विश्वास है कि मां भराड़ी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
- आसपास के गांवों और जिलों से भी लोग यहां विशेष पर्व और उत्सवों में पहुँचते हैं.
देवी मां भराड़ी कौन हैं? धार्मिक कथा और पौराणिक मान्यता
स्थानीय मान्यता के अनुसार, मां भराड़ी शक्ति की स्वरूपिणी हैं. इन्हें मां दुर्गा का अवतार माना जाता है. भक्त कहते हैं कि माता हमेशा अपने बच्चों पर कृपा बनाए रखती हैं और संकट के समय उनकी रक्षा करती हैं.
लोककथाओं के अनुसार, प्राचीन समय में इस क्षेत्र में असुरों का आतंक फैला हुआ था. लोगों की रक्षा और धर्म की स्थापना के लिए मां ने भराड़ी रूप धारण कर असुरों का विनाश किया. तभी से इस स्थान को शक्ति पीठ माना जाने लगा.
कहा जाता है कि मंदिर के स्थान पर स्वयं माता का स्वरूप प्रकट हुआ था, इसलिए इसे चमत्कारिक स्थल भी कहा जाता है.
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परियों की धरती और मां भराड़ी का संबंध (Khait Parvat Maa Bharadi Temple)
खैट पर्वत को स्थानीय लोग “परियों की धरती” भी कहते हैं. यहां कई बार लोगों ने मानो परियों जैसी दिव्य आभा का अनुभव किया है.
- मान्यता है कि ये परियां मां भराड़ी की सेविका और संदेशवाहक हैं.
- कहा जाता है कि जब कोई भक्त सच्चे मन से माता को पुकारता है, तो परियां उसकी प्रार्थना माता तक पहुँचाती हैं.
- रात के समय कई श्रद्धालु मंदिर परिसर में दिव्य रोशनी और अनोखी ध्वनियाँ सुनने का अनुभव बताते हैं, जिसे वे परियों की उपस्थिति से जोड़ते हैं.
- इस कारण खैट पर्वत को एक अलौकिक और पावन स्थल माना जाता है.
स्थानीय लोगों की आस्था और विश्वास
- गांव के लोग मानते हैं कि मां भराड़ी के आशीर्वाद से उनकी खेती-बाड़ी हरी-भरी रहती है.
- किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत माँ के आशीर्वाद से की जाती है.
- नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें लोग दूर-दराज़ से शामिल होते हैं.
- स्थानीय श्रद्धालु कहते हैं कि माँ के दरबार में सच्चे मन से माँगी गई हर मुराद पूरी होती है.
नवरात्रि में खास आयोजन (Khait Parvat Maa Bharadi Temple)
नवरात्रि के नौ दिनों तक मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाती है. हर दिन भक्तजन माता की आरती और भजन-कीर्तन में शामिल होते हैं. इस दौरान आसपास का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है.
खैट पर्वत पर स्थित मां भराड़ी मंदिर श्रद्धा, विश्वास, परियों की कथाओं और धार्मिक इतिहास का अद्भुत संगम है. नवरात्रि के पावन दिनों में यहाँ दर्शन करना भक्तों के लिए बेहद सौभाग्यशाली माना जाता है.
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