वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर कलेक्टर के आदेश पर पचपेड़ी थाना क्षेत्र के सोन लोहरसी गांव निवासी मृतक धर्मदास मानिकपुरी के शव को 27 दिन बाद कब्र से बाहर निकाला गया है. किडनी चोरी की आशंका है. इस पर अस्पताल के डॉक्टर कटघरे में नजर आ रहे हैं.

दरअसल, धरमदास मानिकपुरी को 14 अप्रैल को एक्सीडेंट के बाद प्रथम अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां इलाज के दौरान 21 अप्रैल को धर्मदास की मौत हो गई. मृतक धर्मदास के बेटे सोमदास मानिकपुरी ने जिला प्रशासन के सामने लिखित शिकायत कर पिता के पेट में चीरा लगाने की बात कही थी.

प्रथम हॉस्पिटल पर किडनी निकाले जाने की आशंका जताते हुए कलेक्टर से शिकायत कर पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने धरम दास मानिकपुरी के शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराए जाने का आदेश दिया था. आज 17 मई को पचपेड़ी थाना क्षेत्र स्थित सोनलोहर्षी गांव में जिला प्रशासन के आदेश के बाद दफन किए गए धर्मदास मानिकपुरी के शव को बाहर निकाला गया है.

बता दें, कि बीते 14 अप्रैल को सोमदास के पिता धर्मदास और भाई उसके शादी का कार्ड बांटने निकले थें, सावरिया डेरा (सोन) के पास दूसरी तरफ से आ रही तेज रफ्तार स्कार्पियो ने पिता पुत्र के गाड़ी को ठोकर मार दिया. उन्हें बिलासपुर के प्रथम में भर्ती करवाया गया.

21 अप्रैल को प्रथम हॉस्पिटल के डॉक्टर रजनीश ने बताया पिता की मृत्यु हो गई है और आप बकाया बिल भरकर शव ले जाओ. सोमदास ने इलाज का दस्तावेज मांगा और शव के पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर से कहा, लेकिन डॉक्टर ने न तो इलाज के दस्तावेज दिए और ना ही पोस्टमार्टम कराया.

मृतक के बेटे के अनुसार अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान हल्दी लगाते वक्त पिता के पेट के बगल में करीब चार इंच चीरे का निशान दिखा. उस वक्त इस चीरे पर ध्यान नहीं दे पाए और अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बाद में जब ध्यान आया तब पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने गए, लेकिन वहां मामला दर्ज नहीं किया गया. इससे परेशान सोमदास मानिकपुरी और उसके परिवार के लोगों ने एसपी और कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर शव को कब्र से निकालकर पीएम कराने और दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी.

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