रायगढ़. जिले से दिल को दहला देने वाला मामला सामने आय़ा है. जहां शादीशुदा महिला को प्यार की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी. उसे मौत के घाट किसी और ने नहीं बल्कि आशिक ने उतारा. इतना ही नहीं उसने अपनी माशूका के बच्चे को भी मौत की नींद सुला दी. कत्ल को अंजाम देने के बाद पुलिस से बचने के लिए बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए आग के हवाले भी कर दिया. हालांकि, पुलिस ने कई सीसीटीवी फुटेज खंगालकर उसकी साजिश को नाकाम करते हुए गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने आरोपी से मृतिका औसरिया के सोने-चांदी के जेवरात, ढाई लाख रुपये कैश और कार जब्त की है.

बता दें कि, बिलासपुर-झारसुगुड़ा नेशनल हाइवे 49 में 27 नवंबर को उस वक्त हड़कंप मच गया था, जब ग्राम नेतनागर में पैरावट में अधजले महिला और बच्चे का शव बरामद हुआ था. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से पूछताछ की. इस दौरान ग्रामीणों ने एक सफेद कार को देखे जाने की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई. पुलिस ने मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए 3 अलग-अलग टीमें बनाकर पतासाजी में लग गई.

CCTV से मिला सुराग

वहीं जांच में जुटी पुलिस ने जब आसपास के कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो टोल नाके मार्ग पर लगे सीसीटीवी और बैरियर में सफेद रंग की एसयूवी दिखाई दी. जिसके बाद संदेह के आधार पर पुलिस ने कार मालिक की जानकारी आरटीओ से निकाली. इस दौरान पुलिस को पता चला कि, कार विभा गुप्ता पति सूरज गुप्ता निवासी रायपुर की है. वहीं जब पुलिस रायपुर पहुंची तो पुलिस को पता चला कि कार सूरज गुप्ता इस्तेमाल कर रहा है. सूरज अपनी कंपनी में धोखाधड़ी कर कंपनी में ही काम करने वाली विवाहित महिला निधि औसरिया (28 साल) और उसके पहले पति से हुए बच्चे पार्थ (5 साल) के साथ रायपुर से बाहर कहीं रहता है.

इसलिए और बढ़ा पुलिस का शक

वहीं संदिग्ध एक्सयूवी कार की गतिविधियों को चेक कर रही टीम ने कार को अकलतरा से आगे बढ़ते बिलासपुर की ओर देखा गया, जो बिलासपुर शहर से कहीं और नहीं दिखी. जिसके बाद पुलिस सीसीटीवी चेक करते हुए टीम शांतिनगर बिलासपुर पहुंची. जहां सूरज गुप्ता एक किराए मकान लेकर एक महिला और बच्चे के साथ रह रहा था. एक्सयूवी कार पोर्च में खड़ी थी और घर पर कोई नहीं था. वहीं मकान मालिक से पूछताछ में जानकारी प्राप्त हुई कि, सूरज गुप्ता और उसके साथ रहने वाली महिला निधि औसरिया और उसका 5 साल का बेटा पार्थ जो 2-3 दिनों से नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे पुलिस का शक बढ़ गया. फिर पुलिस ने सूरज के साथ रहने वाली निधि औसरिया का फेसबुक अकाउंट चेक किया. इस दौरान पुलिस ने पाया कि, निधि के फोटोग्राफ्स में दाहिने कान में लॉन्ग (सोने का आभूषण) पहनी हुई थी, जले शव वाली महिला के कान पर भी इस तरह का आभूषण देखा गया था, जिससे पुलिस का संदेह और बढ़ गया कि जली हुई महिला निधि औसरिया उसका बच्चा पार्थ हो सकते हैं.

लोकेशन ने पहुंचाया जेल

हत्या के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपी निधी के नंबर से व्हाट्सएप चला रहा था. पुलिस की टीम को निधि के मोबाइल नंबर के एनालिसिस पर पता चला कि, मोबाइल नंबर एक्टिव था. जांच करते हुए पुलिस को पता चला कि, सूरज गुप्ता पुलिस से छुपते हुए मुंबई भाग चुका है. इतना ही नहीं पुलिस को गुमराह करने अपना मोबाइल बंद-चालू कर रहा था. जिसका मोबाइल ऑन होने पर अगला लोकेशन दुर्ग-भिलाई मिला. जिसके बाद पुलिस ने भिलाई के प्रियदर्शनी परिसर पहुंचकर सूरज गुप्ता को हिरासत में लिया. कड़ाई से पूछताछ करने पर सूरज गुप्ता ने हत्या की बात कबूल ली.

ये है कत्ल की वजह

आरोपी सूरज गुप्ता ने बताया कि, उसकी और निधी की पहले से ही शादी हो चुकी थी. उसने क्लाइंट के साथ पैसों की धोखाधड़ी कर निधि औसरिया और उसके बेटे पार्थ के साथ बिलासपुर में रहने लगा. दोनों के बीच अक्सर झगड़ा हुआ करता था. ऐसे 24 नवंबर की रात भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर सूरज ने निधी के सिर पर हथौड़े से जोरदार हमला कर दिया. इससे निधी अधमरी हो गई. जिसके बाद उसने गला दबाकर हत्या कर दी. पकड़े जाने के डर से घर में मौजूद मासूम पार्थ की भी वायर से गला दबाकर हत्या कर दिया. इसके बाद शव ठिकाने लगाने की प्लानिंग में सूरज जुट गया उसने पेट्रोल, प्लास्टिक व अन्य सामान की व्यवस्था कर शव को शहर से दूर ठिकाने लगाने 26 नवंबर की सुबह दोनों लाश को एक्सयूवी कार के डिक्की में डालकर रायगढ़ की ओर निकाला 26 नवंबर के दोपहर में ही आरोपी सूरज गुप्ता नेतनागर पहुंच गया और पैरावट रखे स्थान की रैकी कर स्थान को उचित मानकर रात को जलाकर पुलिस को चकमा देने के लिए बार-बार मार्ग बदलकर अकलतरा-बिलासपुर होते हुए अपने घर शांति नगर पहुंचा और कार पोर्च पर खडी कर रफू चक्कर हो गया.

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