Kishan Ki Baat : देश भर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के अंतर्गत 731 से अधिक कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) का संचालन किया जाता है. ये केंद्र देश के लगभग हर जिले में हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने अंगूठी पहल शुरू करते हुए किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करने की दिशा में निर्णय किया है.
इस निर्णय के तहत महीने के अंतिम गुरुवार को देश के हर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) पर ‘किसानों की बात’ का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम की शुरुआत सितंबर से हो जाएगी. प्रधानमंत्री अगले महीने ‘किसानों की बात’ कार्यक्रम का उद्घाटन कर सकते हैं.
कार्यक्रम में कौन-कौन होगा शामिल? (Kishan Ki Baat)
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में आमंत्रित किसानों से संवाद एवं राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) की शुरुआत के मौके पर गुरुवार को कहा था कि हमारा काम किसानों और वैज्ञानिकों को जोड़ना है. कई बार किसानों को जानकारी नहीं होती है, इसलिए वे गलत कीटनाशकों का इस्तेमाल कर लेते हैं. इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है. श्री चौहान ने बताया कि “किसानों की बात” कार्यक्रम रेडियो पर प्रसारित होगा, जहां वे स्वयं, कृषि वैज्ञानिक और विभागीय अधिकारी किसानों से सीधा संवाद करेंगे.
कृषि मंत्री ने यह भी कहा था कि किसानों को विज्ञान का लाभ तुरंत मिले, इसके लिए हम माह एक बार किसानों की बात नाम से कार्यक्रम शुरू करेंगे. इसमें वैज्ञानिक बैठेंगे, कृषि विभाग के अधिकारी बैठेंगे, वह भी बैठेंगे और किसानों को जो भी जरूरी होगा, उसकी जानकारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों तक वैज्ञानिक लाभ तुरंत पहुंचाने का काम किया जाएगा. अब जल्द ही वैज्ञानिकों से चर्चा और किसानों के बीच चर्चा होगी, ताकि हम कृषि के जरिए अन्नदाता बनने का चमत्कार कर सकें.
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