रायपुर. दीपों का त्योहार दीपावली कार्तिक अमावस्या रविवार 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी. ऐसी मान्यता है कि भगवान 14 वर्ष का वनवास काटकर इसी दिन अयोध्या पहुंचे थे. इस खुशी में पूरे नगर में भगवान राम का स्वागत करने घी का दीपक जलाया. राम के भक्तों ने पूरी अयोध्या को दीयों पर मनाया जाता है.

स्कंध पुराण, विष्णु पुराण के मुताबिक दिवाली की रात को ही मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से शादी की थी. भगवान विष्णु और लक्ष्मी के विवाह के उपलक्ष्य में दीपावली मनाई जाती है. इस दिन श्री गणेश, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा का विधान है. विधि-विधान से पूजा करने पर दरिद्रता दूर होती है. घर में सुख-समृद्धि तथा बुद्धि का आगमन होता है. यह त्योहार प्रदोषकाल में मनाया जाता है.

ज्योतिषाचार्य के अनुसार पूजा मुहूर्त

पूजा मुहूर्त- शाम 6:43  से  8:15 बजे तक

अवधि 1 घंटा 32 मिनट

प्रदोष काल 5:41 से 8:15 बजे

वृषभ काल 6:43 से 8:39 बजे

आमावस्या तिथि प्रारंभ-   27 अक्टूबर को रात 12:23 बजे

आमावस्या तिथि समाप्त-  28 अक्टूबर को सुबह 9:08 बजे

आनंद व आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होगी

दीपावली पूजा वृष लग्न में ही करना चाहिए. इससे आर्थिक समृद्धि के साथ शांति और आनंद की प्राप्ति होगी. वृष लग्न सायं 6:21 से 8:18 बजे के बीच है. दीपावली पूजन 6:30 सायं के बाद शुरू हो जाय तो अच्छा है.