रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने रायपुर में आज तीसरे दिन महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों पर सुनवाई की. एक मामले में दोनों पक्षों के बीच पहले एफआईआर दर्ज हो चुकी है. सोशल मीडिया की दो पोस्ट पर लगातार दो घंटे से गाली गलौच और वाद विवाद होता रहा. जिसे लेकर दोनों पक्षों को समझाइश दिया गया. अनावेदक गणों ने आयोग के समक्ष माफी भी मांगी है. आवेदिकागणों को समझाइश भी दिया गया कि सोशल मीडिया पर अनावश्यक कमेंट लिखने के बजाय ऐसे लोगों को ब्लॉक करना सीखें. इस आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया.

सुनवाई के दौरान दूसरे प्रकरण में पत्नी ने पति के ऊपर शराब पीकर मारपीट करने और दूसरी औरत से संबंध होने की शिकायत की थी. इस पर पति का कथन है कि वह पहले आरटीओ में काम करता था, फिर जनपद सदस्य बना. वर्तमान में बेरोजगार है. उसने कहा कि मेरा खर्च मेरी मां उठा रही है. आयोग ने पति पत्नी को समझाइश दिए जाने पर चार हजार रुपए प्रतिमाह देने को  तैयार हुआ.

आयोग में प्रस्तुत तीसरे प्रकरण में पति आयोग के समक्ष उपस्थित होकर पत्नी और चार बच्चों को बारह हजार रुपए प्रतिमाह देने तैयार हुआ. आगामी सुनवाई को पति पत्नी उपस्थित रहेंगे. इसके साथ ही पत्नी अपने चारों बच्चों को लेकर उपस्थित रहेंगी. जिससे पति उन बच्चों से मिल सकेंगे. इस भरण पोषण राशि से बच्चों की पढ़ाई लिखाई शुरू हो सकेगी. पति ने आयोग के समक्ष तीन माह तक भरण पोषण राशि देगा. इसके बाद माह दिसंबर में इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा.

चौथे प्रकरण में पति पत्नी सुनवाई के दौरान आपसी रजामंदी से सहमत होते हुए अपने पत्नी और 4 वर्षीय बेटी को एक मुश्त भरण पोषण राशि तीन लाख रुपए देना आयोग के समक्ष स्वीकार किया है. शादी का सम्पूर्ण सामान को भी पत्नी को वापस लौटाने स्वीकार किया है. पति भरण पोषण राशि को दो किस्तों में पत्नी को देगा.

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