नई दिल्ली। एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते केसेज ने दूसरी लहर की भयावहता की याद दिला दी है. विशेषज्ञों ने अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका जताई है. इसके लिए केजरीवाल सरकार 6 महीनों में 7 नए अस्पताल बनाएगी. अब लक्ष्य है कि जल्द से जल्द ये अस्पताल बन जाएं. इस मकसद में कामयाब होने के लिए केजरीवाल सरकार जिस तकनीक पर काम करने जा रही है. उसके बारे में हम आपको बताते हैं.

ईको फ्रेंडली तकनीक का होगा इस्तेमाल

दिल्ली सरकार जिस तकनीक से इन अस्पतालों को बनाएगी, वो ऊर्जा और पर्यावरण के लिए तो अच्छी मानी ही जा रही है, साथ ही इससे तेज गति से हॉस्पिटल्स को बनाने में मदद मिलेगी. दरअसल अस्पतालों के निर्माण के लिए अब स्ट्रक्चर फैक्ट्री में तैयार होकर आएगा और इसे सिर्फ साइट पर लाकर फिट किया जाएगा.

6 हजार 836 ICU बेड वाले नए अस्पताल बनाएगी दिल्ली सरकार

इस संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने पीडब्ल्यूडी (PWD) और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक अहम मीटिंग भी की है.

7 नए अस्पताल बनाने की योजना

दिल्ली में केजरीवाल सरकार की 6 महीने में 7 नए अस्पताल बनाने की योजना है. इन अस्पतालों में 6836 आईसीयू बेड होंगे. इसके बाद दिल्ली में आईसीयू बेड की क्षमता बढ़कर 17 हजार पर पहुंच जाएगी.

सरिता विहार, शालीमार बाग, सुल्तानपुरी, किराड़ी, रघुबीर नगर, जीटीबी अस्पताल और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में अस्पताल बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लगभग 10 हजार आईसीयू बेड हैं. नए 6800 बेड बढ़ाए जाने के बाद आईसीयू बेड की क्षमता में लगभग 70 फीसदी का इजाफा होगा.

45,352 Infections Logged; Kerala Continues to Report Surge

जीटीबी अस्पताल कैंपस में सबसे ज्यादा ICU बेड होंगे. जीटीबी अस्पताल कैंपस में 6.02 एकड़ में 1912 आईसीयू बेड का अस्पताल तैयार होगा. केजरीवाल सरकार की तरफ से शालीमार बाग में 7.95 एकड़ में अस्पताल बनाया जाएगा. यहां 1430 आईसीयू बेड का अस्पताल बनाया जाएगा. किराड़ी में 2.71 एकड़ में 458 आईसीयू बेड बनाया जाएगा. रघुवीर नगर में 9 एकड़ में 1565 आईसीयू बेड का अस्पताल बनेगा. इसी तरह सीएनबीसी में 2.32 एकड़ में 610 आईसीयू बेड का अस्पताल बनाया जाएगा. सुल्तानपुरी में 10 हजार वर्ग मीटर में 525 आईसीयू बेड का अस्पताल बनेगा.