पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त, 2024 की रात हुई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, जिसमें वामपंथी नेताओं को हंगामे का साजिशकर्ता बताया गया है। कोलकाता पुलिस की ओर से दायर आरोपपत्र में DYFI नेता मीनाक्षी मुखर्जी समेत 54 लोगों के नाम शामिल हैं। पुलिस का आरोप है कि वाम मोर्चा के नेताओं ने उत्तेजित भीड़ को उकसाने का काम किया था, जिससे अस्पताल में तोड़फोड़ की गई।

कोलकाता में CPIM नेता के घर में रची गई साजिश- पुलिस

कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के दौरान सैकड़ों लोगों से पूछताछ की और कई CCTV फुटेज इकट्ठा किए। संदिग्धों की कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (CDR) देखी गई, टावर डंपिंग की प्रक्रिया की गई और विशेष जांच दल को कई ऑडियो क्लिप भी मिले। पुलिस ने मीनाक्षी मुखर्जी समेत कई वामपंथी नेताओं से बात की। पुलिस को पता चला कि वामपंथी नेताओं ने कोलकाता में एक अन्य मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) नेता के घर बैठकर यह साजिश रची थी।

कोर्ट ने आरोपियों को तलब किया

कोलकाता पुलिस ने सियालदह कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, जिसका मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लिया है। आरोपपत्र के आधार पर, CPIM केंद्रीय समिति की सदस्य मीनाक्षी मुखर्जी और अन्य आरोपियों को सोमवार को कोर्ट ने तलब किया था। मीनाक्षी मुखर्जी और अन्य आरोपियों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है और उन्हें मामले में जमानत भी दे दी गई है।

क्या है अस्पताल में तोड़फोड़ का मामला?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ सेमिनार हॉल में रेप हुआ और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। घटना को लेकर डॉक्टरों ने पूरे देश में प्रदर्शन किया। बाद में अस्पताल का एक स्वयंसेवक संजय रॉय गिरफ्तार हुआ। घटना के 5 दिन बाद 14 अगस्त की रात को अस्पताल के बाहर धरनारत मेडिकल छात्रों प्रदर्शन उग्र हो गया और तोड़फोड़ की गई। इसमें कई अधिकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

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