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कोरबा। गेवरा बस्ती में बीते दिनों सिगड़ी जलाने के दौरान ननद और भाभी बुरी तरह से झुलस गई। इसके बाद परिजनों ने तत्काल दोनों को इलाज के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। इलाज के दौरान जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो परिजन उन्हें कोरबा वापस ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। परिजन जब अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, तभी मुआवजे की जानकारी मिलने पर शवों को मुक्तिधाम से जिला अस्पताल लाया गया।
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ऐसे हुआ हादसा
कोतवाली थाना क्षेत्र के सीतामणी स्थित गोकुलगंज में रहने वाली संतोषी यादव कुछ दिन पहले गेवरा बस्ती स्थित अपने मायके गई हुई थी। वहां वह अपनी भाभी गीता यादव के साथ खाना बना रही थी। सिगड़ी जलाने के लिए उन्होंने सैनेटाइजर का उपयोग किया, जिससे अचानक आग भड़क गई और दोनों उसकी चपेट में आ गईं। इस हादसे में गीता और संतोषी गंभीर रूप से झुलस गईं थीं।
मुआवजे की जानकारी मिलते ही अस्पताल लाए शव
मौत के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान किसी ने उन्हें बताया कि अप्राकृतिक मौत होने पर सरकारी मुआवजा मिल सकता है। यह सुनते ही परिजन शवों को मुक्तिधाम से जिला अस्पताल ले आए, जहां शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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