दिल्ली. नेपाल के ऐतिहासिक संसदीय चुनावों में वामपंथी गठबंधन की बड़ी जीत के बाद सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं. उन्होंने दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. भारत के साथ बेहद करीबी संबंध रखने वाले पड़ोसी मुल्क नेपाल के नए पीएम ओली को चीन समर्थक माना जाता है. ओली 11 अक्तूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने ओली को देश का 41वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया. ओली के प्रधानमंत्री बनने से नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदें एक बार फिर से जग गई हैं. प्रधानमंत्री पद के लिए ओली का समर्थन यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल और मधेशी राइट्स फोरम डेमोक्रेटिक के अलावा 13 अन्य छोटी पार्टियों ने किया है.

इससे पहले नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देऊबा ने राष्ट्र को संबोधित किया और प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया. नेपाल में हुए संसदीय और स्थानीय चुनावों में पार्टी की बुरी तरह हार के करीब दो महीने बाद देऊबा ने इस्तीफा दिया है.