रायपुर. कृष्णप्रिया जी एक प्रसिद्ध भारतीय युवा आध्यात्मिक प्रेरक गुरु और वक्ता है. वह पवित्र आत्मा को प्रकाशित व प्रबुद्ध करती है. वह भागवत तथा रामकथा का प्रचार करतीं हैं. उनके प्रवचन सुनने को दूर दूर से लोगों की भीड़ एकत्रित होती है.

 उन्होंने अपना जीवन भगवान श्री कृष्ण के चरण कमल में समर्पित किया है. वह आध्यात्मिकता के पथ पर अग्रसर हैं तथा अपने शिष्यों को भी उसी पथ पर प्रतिष्ठित कर रही हैं. श्री कृष्णप्रिया जी भागवत कथा, राम कथा तथा ‘नानी बाई रो मायरो’ का वाचन करतीं हैं.

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कृष्णप्रिया जी का जन्म 26 जनवरी 1997 में भारत के वृन्दावन, मथुरा में हुआ था. केवल 21 वर्ष की निविदा आयु में ही वह समाज को प्रकाशित करने का महान कार्य कर रही हैं. संतों के सानिध्य में पहली बार 7 वर्ष की आयु में 2004 में इलाहाबाद के कुम्भ में इन्होंने भक्तों को कथा श्रवण कराई थी और तब से अब तक बिना किसी बाधा के 388 कथाओं का वाचन कर चुकीं हैं. केवल 8 वर्ष की उम्र में ही इन्होने वृन्दावन के संत निम्बार्क श्री रूप किशोर दास जी महाराज से दीक्षा प्राप्त की.

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उन्होंने ‘श्री चैन बिहारी सेवा सदन’ नाम के ट्रस्ट की स्थापना भी की है. जहाँ अनाथ बच्चों तथा महिलाओं को पढाई के साथ साथ प्रशिक्षित भी किया जाता है. यह ट्रस्ट जनजातीय क्षेत्रों में भोजन की सुविधा भी प्रदान करती है तथा कुपोषण प्रभावित बच्चों का भी ख्याल इसके द्वारा रखा जाता है. यह ट्रस्ट गरीब परिवार से सम्बंधित लड़कियों के विवाह में भी योगदान देता है.