कुबेर भंडारी का मंदिर देश में काफी प्रसिद्ध है, मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन कुबेर भंडारी के दर्शन करने मात्र से धन की देवी लक्ष्मी की कृपा होती है. ऐसे में इस दिन कुछ चुने हुए कुबेर भंडारी मंदिर में लाखों की संख्या में भक्ति पहुंचते हैं. धन ऐश्वर्य और विलास के प्रतीक देवता के रूप में धनतेरस पर कुबेर पूजा का विशेष महत्व है. धन का स्वामी होने के कारण इन्हें धनपति और देवताओं का खजांची भी कहा जाता है.

पुरातत्व से जुड़े जानकारों के मुताबिक निर्माणकाल और प्रतिमाओं के आकार की दृष्टि से देश में कुछ प्रमुख कुबेर प्रतिमाएं हैं. इनमें से एक विदिशा में है जबकि मथुरा, पटना, भरतपुर, बड़ौदा का नदी तट के अलावा खंडवा जिले में स्थित कुबेर भंडारी का मंदिर के अतिरिक्त पुणे महाराष्ट्र, करनाली बड़ौदा, रत्नमंगलम चेन्नई में भी स्थित है. वहीं यह भी माना जाता है कि मदुरई के प्रसिद्ध मंदिर में पूजी जाने वाली मीनाक्षी देवी कुबेर की ही पुत्री हैं. Read More – 35 साल के हुए Virat Kohli : क्रिकेट के हर फॉर्मेट में खूब चला विराट का बल्ला, ये हैं उनके 35 खास रिकॉर्ड …

इनके अलावा भगवान शंकर की तपोस्थली देवभूमि उत्तराखंड के जागेश्वर महादेव (अल्मोड़ा) के मुख्य परिसर से कुछ कदमों की दूरी पर एक छोटी पहाड़ी की चोटी पर कुबेर मंदिर है. इस मंदिर को अत्यधिक चमत्कारी माना जाता है. यह मंदिर परिसर मुख्य मंदिर परिसर से लगभग 300 से 400 मीटर दूर है. इस परिसर के दो मुख्य मंदिर कुबेर मंदिर और देवी चंदिका मंदिर हैं. Read More – Bigg Boss 17 : Isha Malviya और Samarth Jurel ने घर में की हदें पार, वायरल हो रहा Video …

गुजरात के वडोदरा में स्थित कुबेर भंडारी मंदिर का इतिहास बेहद दिलचस्प है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 25 सौ साल पहले किया गया था. नर्मदा नदी के किनारे होने के चलते यह मंदिर बेहद खास है. कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि खुद भगवान शिव ने किया था.