आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला वोडाफोन आइडिया के अस्तित्व को बचाने के लिए अपनी प्रमोटर हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार हैं.

कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में बिड़ला ने कहा कि वे किसी भी सरकारी या घरेलू वित्तीय कंपनी को अपनी हिस्सेदारी देने को तैयार हैं. मालूम हो कि कुमार मंगलम बिड़ला वोडाफोन इंडिया के प्रमोटर और चेयरमैन हैं. मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (बाजार हैसियत) करीब 24,000 करोड़ रुपये है.

कुमार मंगलम की कंपनी में 27 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन पीएलसी में उनकी 44 फीसदी हिस्सेदारी है. वोडाफोन इंडिया पर करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. पिछले साल सितंबर 2020 में कंपनी के बोर्ड ने 25,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की घोषणा की थी. बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक कैबिनेट सटिव राजीव गाबा को लिखे पत्र में बिड़ला ने कहा कि सरकार को इसके लिए जल्द कदम उठाने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कंपनी पर अपना नियंत्रण भी छोड़ने के लिए तैयार हैं. वे अपनी हिस्सेदारी किसी सरकारी या घरेलू वित्तीय कंपनी को देना चाहते हैं.

आगे उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसी अन्य कंपनी को इसे चलाने में सक्षम समझती है, तो वे उस कंपनी को भी अपनी हिस्सेदारी देने के लिए तैयार हैं. विदेशी निवेशकों में भरोसा जगाने के लिए सरकार को कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि अगर सरकार ने जल्द ही जरूरी कदम नहीं उठाए, तो वोडाफोन आइडिया को वजूद खतरे में पड़ सकता है.