कुशीनगर. जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में रोजी-रोटी की तलाश में गए मुनेब पटेल की मौत ने घर में कोहराम मचा दिया. कोतवाली पडरौना क्षेत्र के नाहर छपरा का रहने वाला निवासी 36 वर्षिय मुनेब पटेल तीन जुलाई को जम्मू कश्मीर के आनन्तनाग जिले के गांव शेखपुर में गया था. वहीं रह कर ईंट का काम करता था. जहां बीते 23 जुलाई की रात खाना खाकर सोने चला गया सुबह साथी मजदूरों ने जगाने का प्रयास किया तो मृत बिस्तर पर पड़ा था.

गांव के ही रहने वाले सुरेश चौहान, उदयभान, चौहान मोहन सिंह पटेल ने घर पर मृत होने की सूचना दिए और वही पोस्टमॉर्टम होने के बाद अंतिम संस्कार कर दिए. मौत की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया. परिवार में मूनेब घर का एकलौता कमाउ सदस्य था, जिसके भरोसे पूरे परिवार का भरण पोषण होता था परिवार में पत्नी शांति, बड़ी लड़की अर्चना 15 वर्ष, प्रिया पटेल 12, शिवम वर्ष 10 और डीएम 8 वर्ष का है, जिनका कल से ही रो-रो कर बुरा हाल हो गया है.

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ग्रामीणों का कहना है कि घर में अकेला कमाऊ सदस्य होने के चलते सब इसी पर आश्रित रहते है, लेकिन अब वह नहीं रहा तो किसके सहारे यह बच्चे रहेंगे ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस परिवार को सरकारी मदद मिल जाती तो इनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा नहीं होता. नहीं तो इनकी बहुत ही दयनीय स्थिति है. ना तो रहने के लिए घर है और ना ही खेती की जमीने हैं. जिसके सहारे वह गुजर-बसर कर सके ऐसे में इस परिवार के सामने एक बहुत बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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