रायपुर। नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण का अब हर हल्के में विरोध होने लगा है. निजीकरण के विरोध में संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन के बैनर तले श्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. इस आंदोलन को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने समर्थन करते हुए राज्य सरकार से विधानसभा में इस दिशा में संकल्प पारित करने की मांग की है.

जेसीसी-जे के प्रमुख अमित जोगी ने ट्वीट कर श्रमिकों के हड़ताल को समर्थन देते हुए कहा कि राज्य सरकार अगर वास्तव में विनिवेश के विरोध में है तो दो काम करना चाहिए. पहला शीतकालीन विधानसभा सत्र में सर्वसम्मति से इसके विरुद्ध संकल्प पारित करना चाहिए. इसके साथ NMDC को 2002 में छत्तीसगढ़ शासन के साथ अनुबंध की शर्तों का पालन न करने के आधार पर बैलाडिला खदानों की लीज़ रद्द करने का ‘कारण बताओ नोटिस’ देना चाहिए.

जोगी ने कहा कि वैसे भी छत्तीसगढ़ को एनएमडीसी की ज़रूरत नहीं है, बल्कि एनएमडीसी को छत्तीसगढ़ की है. छत्तीसगढ़ सरकार चाहे तो सीएमडीसी, सेल और नगरनार भूविस्थापितों को 33-33% शेयर होल्डिंग का एक सार्वजनिक उपक्रम का गठन करके नगरनार में काम 3 महीनों में चालू कर सकती है. उन्होंने कहा कि केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति की ज़रूरत है. मुझे आशा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मेरी इन बातों को गम्भीरता से लेंगे.