नगरी, धमतरी। एक तरफ तो छत्तीसगढ़ को बने हुए 1 नवंबर को 17 साल बीत गए और राज्य ने अपने 18वें साल में प्रवेश कर लिया. वहीं दूसरी ओर नगरी ब्लॉक का ग्राम पंचायत जबर्रा आज भी विकास से कोसों दूर है.
जहां छत्तीसगढ़ में विकास के कई काम हुए, वहीं जबर्रा जो धमतरी जिले का अंतिम गांव है, यहां आज भी लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. यहां ग्रामीणों को सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाएं तक मयस्सर नहीं हैं.
जबर्रा ग्राम पंचायत के तहत आने वाले गांव चरगांव, खरखरा, रतावाडीहि, मुनईकेरा गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. गांववालों ने बताया कि वे कई बार शासन-प्रशासन को अपनी समस्याएं बता चुके हैं, लेकिन इसका निराकरण आज तक नहीं हुआ.
राशन के लिए जाना पड़ता है 7 किलोमीटर दूर
गांववालों ने बताया कि उन्हें राशन या सामान लाने के लिए उबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए नदी पार करके 7 किलोमीटर दूर जबर्रा तक आना पड़ता है. उन्होंने बताया कि बारिश के समय में यहां नर्क जैसी स्थिति रहती है. नदी लबालब होने पर आवागमन कई दिनों तक बंद हो जाता है. वहीं गांव में बिजली भी नहीं रहती है, जिसके कारण लोग अंधेरे में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.
अभी भी पक्की सड़क नहीं
वहीं नगरी से होकर इन गांवों से करीब 32 किलोमीटर तक की सड़क गुजरती है, जो धमतरी और गरियाबंद जिले को भी जोड़ती है. लेकिन आज भी ये सड़क कच्ची है. अगर इस सड़क को बना दिया जाए, तो गरियाबंद तक पहुंचने में बहुत कम समय लगेगा. साथ ही ग्रामीणों को रोजगार के मौके भी मिलेंगे. ![jabarra no infrastructure](https://d2cj5v6cg2a14e.cloudfront.net/wp-content/uploads/2017/11/03-300x160.jpg)
![jabarra no infrastructure](https://d2cj5v6cg2a14e.cloudfront.net/wp-content/uploads/2017/11/03-300x160.jpg)
पुल नहीं होने से परेशानी
ग्रामीण लंबे समय से जबर्रा नदी पर पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक पुल नहीं बनवाया गया है. इसके कारण नदी के रास्ते होते हुए लोगों को गरियाबंद और नगरी अपने रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के लिए जाना पड़ता है.
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