रिपोर्ट- कुंजबिहारी साहू, जांजगीर। जांजगीर-चाम्पा के गोपालनगर स्थित लाफार्ज सीमेंट प्लांट, ‘न्यूको विस्टास कार्प लिमिटेड’ में मजदूर की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। कम्पनी ने अधिकारियों ने मृत मजदूर को जिंदा बताकर सिम्स भेजा था, जबकि मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई थी। कम्पनी के अधिकारियों ने पुलिस को ऊंचाई से गिरना बताया था, जबकि मजदूर की मौत गड्ढे में डस्ट में दबने से हुई थी. इससे कम्पनी प्रबंधन की भूमिका सवालों के घेरे में भी है।  जिला और पुलिस प्रशासन से भी घटना की पूरी बात छुपाई गई. इस पर पुलिस ने जांच की बात कही है, वहीं औद्योगिक स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के सहायक ने संचालक ने घटनास्थल ‘सायलो स्टोरेज नम्बर – 1’ को जांच होने तक बंद कर दिया है।  साथ ही विभाग की जांच में मजदूर की डस्ट से दबकर मौत, मौके पर ही पुष्टि की है।
11 जुलाई को मजदूर अमर गोरले की मौत हुई थी।  कम्पनी प्रबंधन ने जिला और पुलिस प्रशासन को घटना की गलत जानकारी दी। कम्पनी प्रबंधन की लापरवाही और झूठ का खुलासा मृतक मजदूर के साथ, काम रहे दूसरे मजदूरों ने किया है।  जब घटना हुई तो दूसरे मजदूर भी मौके पर थे।  मृत मजदूर को जिंदा बताकर सिम्स बिलासपुर इलाज के लिए भेज दिया, जबकि मजदूर की ‘सायलो स्टोरेज नम्बर-1’ के गड्ढे में डस्ट से दबकर उसी वक्त मजदूर की मौत हो गई थी, क्योंकि मजदूर को डस्ट से निकलने में 20 मिनट से अधिक समय लगा।  एक और मजदूर भी दब गया था, पर वह जल्दी निकल गया, जिससे उसकी जान बच गई, लेकिन मजदूर अमर गोरले, गड्ढे में दब गया, उसके बाद उसकी मौत हो गई थी।
– बाद में 11 जुलाई की शाम शव गोपालनगर-अमोरा आया तो परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए और देर रात कई घंटे तक कम्पनी के गेट पर हंगामा किया था. इसके बाद मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही गई, उसके बाद हंगामा और प्रदर्शन खत्म हुआ था।
– इधर, आद्योगिक स्वास्थ्य सेवाएं के सहायक संचालक की जांच में भी मजदूर की मौके पर मौत होने की पुष्टि हुई है. मामले को श्रम न्यायालय में भेजा जाएगा।  पुलिस ने भी कम्पनी प्रबन्धन की घटना को लेकर भूमिका पर जांच शुरू कर दी है।  पुलिस को भी कम्पनी के अधिकारियों ने गलत जानकारी दी थी और 24 घंटे भी थाने में लिखित शिकायत नहीं की गई थी, केवल मौखिक सूचना दी थी, वह सूचना भी गलत निकली है।