आशुतोष तिवारी. जगदलपुर शहर के लागू नर्सिंग होम (Lagoo Nursing Home) में डिलवरी के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया है, परिजनों ने आरोप लगाया है कि लागू नर्सिंग होम (Lagoo Nursing Home) में डॉक्टर स्टाफ की लापरवाही के चलते पेट में ही बच्चे की मौत हो गई और बच्चे की मौत हुए 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक मरीज के पेट से बच्चे को नहीं निकाला गया था. जिस वजह से मरीज में इंफेक्शन का खतरा बना हुआ था. वहीं परिजन आरोप लगा रहे हैं कि डॉक्टर और स्टाफ मरीज को हाथ भी नहीं लगा रहे हैं उनका कहना है कि पहले ही स्टाफ की लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हो गई है, वहीं दूसरी तरफ गंभीर हालत में भर्ती मरीज की जान लेने में भी हॉस्पिटल प्रबंधन तुले हुए है. हालांकि परिजनों के हंगामें के बाद मृत बच्चे को गर्भ से निकाल लिया गया है.
शहर के प्रतापगंज पारा निवासी पंकज साव ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती होने के बाद लगातार पिछले 6 महीनों से लागू नर्सिंग होम (Lagoo Nursing Home) में उनकी पत्नी का चेकअप चल रहा था और इस दौरान डॉक्टर के द्वारा चेकअप के नाम पर हर बार 25 से 30 हजार रुपये वसूली जा रही थी जब उनकी पत्नी 6 महीने की गर्भवती हुई तब भी डॉक्टर के द्वारा मां और बच्चा दोनों स्वस्थ होने की बात कही गयी थी, डिलीवरी के 1 दिन पहले तक बच्चा स्वस्थ होने की बात कहते हुए डिलीवरी शुरू की गई और एन वक्त पर सीजर ऑपरेशन करने की बात डॉक्टर के द्वारा कही गई और इसके लिए वे भी राजी हो गए, लेकिन सुबह 8 बजे डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया और इसकी वजह बच्चे का काफी कमजोर होना बताया.
परिजनों ने आरोप लगाया कि जिस बच्चे को पहले डॉक्टर स्वस्थ होना बता रहे थे, वहीं सीजर के दौरान उनका बच्चा मृत होना बताया गया. 24 घंटे बाद मरीज के कोख से बच्चे को निकालने की बात कही गई, परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज की हालत खराब होने के बावजूद भी ना ही उसे देखा जा रहा था और ना ही कोख से बच्चे को बाहर निकालने के लिए डॉक्टर के द्वारा कोई कवायद की जा रही थी, ऐसे में परिजनों को डर है कि यह इंफेक्शन मरीज में भी फैलने से उनकी जान जा सकती है. परिजनों ने कहा कि लागु नर्सिंग होम में जिस तरह से डॉक्टर स्टाफ ने लापरवाही बरती है इसके लिए उन पर कार्यवाही होनी चाहिए.
इधर लागू नर्सिंग होम (Lagoo Nursing Home) के डॉक्टर का कहना है कि बच्चा पहले से ही कमजोर था और आज परिजनों को सीजर ऑपरेशन के लिए भी बताया गया था, लेकिन सुबह 8 बजे बच्चे की मौत हो गई और उसके बाद बकायदा मरीज को इंजेक्शन दिया गया है और नियम के मुताबिक 24 घंटे बाद ही बच्चे को बाहर निकालने की बात कही गई है, बावजूद इसके परिजन उन पर अर्नगल आरोप लगा रहे हैं. नर्सिंग होम के संचालक का कहना है कि सीजन के दौरान कई बार इस तरह के मामले सामने आते हैं.
गौरतलब है कि शहर में लगातार निजी नर्सिंग होम में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं ,परिजन आरोप लगाते हैं कि नर्सिंग होम संचालकों के द्वारा बेहतर सुविधा देने के नाम पर लाखों रुपए फीस वसूले जाते हैं लेकिन वही सीजर के दौरान इस तरह लापरवाही बरतते हैं, इधर इस मामले को लेकर लगातार परिजन संचालक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.