नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने अदालत से सवाल पूछा कि क्या हत्या के हर मामले के आरोपी को एक साल की कस्टडी के बाद जमानत मिल जाती है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से पूछा था कि वो कितने समय में लखीमपुर मामले की सुनवाई को पूरा कर लेगी. सुनवाई के दौरान दुष्यंत दवे का कहना था कि अगर सुप्रीम कोर्ट हत्या के हर मामले में आरोपियों को एक साल की कस्टडी के बाद रिहा करने का नियम बना दे तो वो सिर झुकाकर सलाम करेंगे. उन का कहना था कि आम तौर पर अगर किसी की जमानत याचिका लोअर कोर्ट या हाईकोर्ट से खारिज हो जाती है तो सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देता.
उन्होंने ये दलील उस समय दी जब सुप्रीम कोर्ट आशीष की बेल एप्लीकेशन पर विचार कर रहा था. कोर्ट का कहना था कि आशीष को कस्टडी में काफी समय हो चुका है. ऐसे में उसे कितने समय तक जेल में रखा जाना चाहिए.
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