रायपुर। साइबर ठगी का नया मामला सामने आया है, जिसमें आरोपियों ने पीड़ित के दोस्त का व्हाट्सएप डीपी लगाकर ठगी की घटना को अंजाम दिया. मामले में संलिप्त सारे आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं, जिन्हें एण्टी क्राइम एण्ड साइबर यूनिट के साथ सिविल लाइन थाना टीम ने गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से नगद 20,00,000 रुपए के साथ आठ मोबाइल फोन जब्त किया गया है. यह भी पढ़ें : जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम विवादों में घिरा, सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

जानकारी के अनुसार, प्रार्थी सन्नी जुमनानी ने सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके भाई को उसके दोस्त का वाट्सएप डीपी लगाकर फोन किया. अपने आप को पुनीत पारवानी बताते हुए दिल्ली में होना बताते हुए जरूरी काम के लिए पैसों की मांग किया. जिस पर उसके भाई बंटी जुमनानी ने फोन करने वाले को पुनीत पारवानी समझकर अपने दिल्ली वाले दोस्त को फोन कर नगद पाच लाख रुपए नगद दे दिया.

प्रार्थी का भाई कुछ दिन बाद अपने दोस्त पुनीत पारवानी से संपर्क कर रुपए वापस मांगा तो पुनीत पारवानी ने कोई रकम नहीं लेना बताया. ठगी का अहसास होने पर उसके भाई सन्नी जुमनानी ने सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई.

घटना की जांच के लिए गठित एण्टी क्राइम एण्ड साइबर यूनिट तथा सिविल लाइन थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने प्रार्थी एवं उसके भाई बंटी जुमनानी से पूछताछ कर अज्ञात आरोपी की पतासाजी शुरू की. मोबाइल नंबर के तकनीकी विश्लेषण करने के बाद टीम को राजस्थान के लिए रवाना किया.

टीम के सदस्यों ने राजस्थान में पतासाजी कर प्रकरण में आरोपी सुरेश पुरोहित और वैभव जैन को पकड़ा गया. उन्होंने पूछताछ में अपने अन्य साथी खानू खान, स्वरूप सिंग एवं हैदर के साथ मिलकर ठगी की उक्त घटना को अंजाम देना बताया गया. जिस पर घटना में संलिप्त आरोपी खानू खान, स्वरूप सिंग एवं हैदर को भी पकड़ा गया.

कार्रवाई में सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक रोहित मालेकर, एण्टी क्राइम एण्ड साइबर यूनिट से प्रभारी निरीक्षक परेश पाण्डेय, उनि. सतीश कुमार पुरिया, प्रआर गुरूदयाल सिंह, महेन्द्र राजपूत, प्रमोद बेहरा, हिमांशु राठौड़, तुकेश निषाद, लालेश नायक तथा थाना सिविल लाइन से सउनि. लक्ष्मी नारायण साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही.