नितिन नामदेव, रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा के ‘कांग्रेस नेता जनता के बीच जाते हैं’ वाले बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि तो कांग्रेस के 22 विधायकों के टिकट कैसे काटे.

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा ने भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी के साथ पत्रकारों से चर्चा में कहा कि 40 हजार नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में मृत्यु, 26 हजार आत्महत्या, 7 हजार बलात्कार, 3 हजार से ज्यादा हत्याएं हुई, लेकिन किसी के घर कांग्रेसी नहीं गए.

उन्होंने कहा कि यूं तो कांग्रेस के तमाम नेता अपने-अपने सर्वे करा रहे थे, जिनका लब्बोलुआब यह था कि कांग्रेस के 50 विधायकों की टिकट काटी जानी थी, लेकिन चूँकि शेष विधायक कांग्रेस की भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार में हर कदम पर साथ खड़े थे, इसलिए वे अपनी टिकट बचाने में कामयाब रहे.

लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि कुमारी सैलजा इस सवाल का भी जवाब दें कि उत्तरप्रदेश में ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ का नारा उछालने वाली कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा को यह पता है कि छत्तीसगढ़ में जिन 22 विधायकों की टिकट काटी गई है, उनमें 6 महिलाएं हैं, और उनमें भी ऐसी 4 महिला विधायक हैं, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भारी अंतर के साथ जीत दर्ज की थी. इन महिलाओं की टिकट काटे जाने पर वे कुछ क्यों नहीं कहतीं?

कांग्रेस की महिला विधायक छन्नी साहू की टिकट क्या इसलिए काटी गई कि वह जनता के बीच में नहीं रहती थीं? झीरम घाटी के नरसंहार में शहीद कांग्रेस के ‘टाइगर’ कहे जाने वाले शहीद महेंद्र कर्मा की पत्नी देहूति कर्मा और शहीद योगेंद्र शर्मा की पत्नी अनिता शर्मा की टिकट काटकर कांग्रेस ने अपने नेताओं को श्रद्धांजलि दी है, या फिर वह भी जनता के बीच नहीं रहती थीं इसलिए कांग्रेस ने उनकी टिकट काट दी?

शहीदों के परिजनों को न्याय मिलता उल्टे, उन शहीदों की विधायक पत्नियों की टिकट ही काट दी. कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी बताएँ कि महिला विधायकों शकुंतला साहू, लक्ष्मी ध्रुव और ममता चंद्राकर के टिकट भी क्या इसीलिए काटे गए कि जनता के बीच उनकी मौजूदगी नहीं थी?

इसके साथ ही भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा से बिंदुवार सवाल किए, जिसमें छत्तीसगढ़ में सात हजार से अधिक मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाएँ बलात्कार व सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई हैं. कितने कांग्रेस नेता उन पीड़िताओं से मिलने गए? छत्तीसगढ़ में 40 हजार नवजात शिशुओं की इलाज के अभाव में हुई मौत को लेकर कितने कांग्रेस नेताओं ने पीड़ित परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की?

सवाल किया कि प्रदेश में कांग्रेस के कुशासन के चलते 26 हजार लोगों को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा. क्या कांग्रेस के एक भी नेता या पदाधिकारी-कार्यकर्ता ने पीड़ित परिवार से मिलने की जरूरत महसूस की? कांग्रेस के शासनकाल में 3 हजार से अधिक हत्या की वारदातों को अंजाम दिया गया. कांग्रेस प्रभारी सैलजा बताएं कि कांग्रेस के कितने विधायकों ने मृतकों के परिजनों से मिलकर अपना आक्रोश जताया?

इसके अलावा सवाल किया कि अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर जब प्रदेश की महिलाओं ने मुण्डन कराया तब कांग्रेस के लोग किस बिल में छिपे बैठे थे? बिरनपुर में लव जृहाद का विरोध करने पर भुनेश्वर साहू की हत्या, हिंदुस्तान जिंदाबाद कहने पर भिलाई में युवक मलकीत सिंह की हत्या के समय कांग्रेस के कितने लोंगों ने मृतकों के परिजनों से मिलने की जरूरत महसूस की? प्रेस ब्रीफ में प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी मौजूद रहे.