रोहित कश्यप, मुंगेली. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर देखने को मिला है. दो महीने से ज्यादा समय से बंद पड़ा स्कूल अब जल्द शुरु होगा. शीतकालीन अवकाश के बाद जरहागांव में स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल का संचालन शुरू किया जाएगा. बता दें कि पिछले 2 महीने से 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटका है. आत्मानंद स्कूल में एडमिशन होने के बाद छात्र-छात्राओं ने निजी स्कूलों से TC ले ली थी. जिससे कक्षा पहली से लेकर 11वीं तक के सैकड़ो बच्चों की पढ़ाई का भविष्य खतरे में आ गया था. इससे 10वीं बोर्ड के बच्चों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही थी. इस मामले को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से उठाया था. जिस पर जिला प्रशासन ने आखिरकार संज्ञान लिया. जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चतुर्वेदी ने कहा कि शीतकालीन अवकाश के बाद से पढ़ाई शुरू हो जाएगी.

बता दें कि पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के द्वारा चुनाव से ठीक पहले मुंगेली जिले के जरहागांव में स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्वीकृति प्रदान की गई थी. जिसके बाद शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूल में शिक्षक सहित स्टॉफ की नियुक्ति की प्रकिया शुरू की गई, जो कि आज भी अधर में लटकी है. वहीं इस दौरान कक्षा 1 से 11वीं कक्षा के लिए एडमिशन करने के लिए लॉटरी निकालकर 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स का चयन किया गया. इसके लिए चयनित छात्र-छात्राओं का टीसी कटवाने बोला गया. जिसके बाद सभी ने टीसी कटवा ली. लेकिन समस्या तो यहां हो गई कि आज तक स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल का संचालन शुरू नहीं हो सका था.

पालकों का कहना था कि टीसी कटवा दिए जाने के कारण छात्र-छात्राएं पुराने स्कूल में भी नहीं पढ़ पा रहे हैं. इस तरह से करीब 2 महीने से बच्चों की पढाई अधर में लटकी रही. जिसके चलते पालक काफी परेशान नजर आ रहे थे. इधर पिछले दो महीने से बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. सबसे ज्यादा दिक्कत 10वीं बोर्ड के छात्र-छात्राओं को हो रही थी. एडमिशन और टीचरों की नियुक्ति की प्रकिया शुरू होते ही आचार संहिता लगा गई. उसके बाद अब सरकार बदल चुकी है.

जानकारी के मुताबिक, पूर्ववर्ती सरकार द्वारा संचालित इस योजना को लेकर कोई आदेश भी जारी नहीं हुआ है. जिस स्कूल का संचालन हो रहा वहां तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन जहां नवीन स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने को लेकर तैयारी चल रही थी वह अधर में लटक गई थी. उन्हीं में से एक जरहागांव का ये स्कूल भी था.

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