राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए साफ कहा कि अगर अभिभावक कोरोना के बीच मासूमों को भेजना चाहता हैं, तभी स्कूल आएंगे, लेकिन शिक्षा विभाग ने ‘निजी स्कूल प्रेम’ में अलग ही फरमान जारी कर दिया है. बच्चों को सप्ताह में तीन दिन स्कूलों आना अनिवार्य है, तीन दिन ही ऑनलाइन क्लासेस होंगे.

सीएम शिवराज ने साफ शब्दों में कहा था कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लेकर हमने तय किया है कि स्कूल खुलेंगे, लेकिन बच्चों की संख्या 50% होगी. 50% बच्चे एक दिन और बाकी 50% बच्चे अगले दिन स्कूल आएंगे. ऑनलाइन क्लॉस का विकल्प रहेगा और पैरेंट्स की इच्छा होगी तो ही बच्चे स्कूल जाएंगे, उनकी अनुमति आवश्यक होगी.

सीएम के आदेश के मुताबिक अगर बच्चों को अभिभावक स्कूल नहीं भेजना चाहते, तो नहीं आएंगे, लेकिन शिक्षा विभाग के ‘निजी स्कूल प्रेम’ ने सीएम के आदेश का उल्लंघन किया गया है. स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश में लिखा- सिर्फ तीन दिन ही ऑनलाइन क्लास चलेंगी.  यानी सप्ताहभर की पढ़ाई के लिए मासूमों को तीन दिन स्कूल जाना पड़ेगा.

सीएम ने ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन क्लास संचालित करने के निर्देश दिए हैं. स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश पहली से 12वीं तक के स्कूलों को लेकर जारी हुआ है. विद्यालयों में कक्षावार नियम दिवसों के अतिरिक्त अन्य दिवसों में डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा सकेंगी. जबकि सीएम ने कहा था कि ऑनलाइन क्लास का विकल्प रहेगा और पेरेंट्स की इच्छा होगी तो ही बच्चे स्कूल जाएंगे.

मध्य प्रदेश पालक संघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने आदेश पर आपत्ति जताई है, उनका आरोप है कि निजी स्कूलों दबाव में विभाग ने आदेश निकाला है. विभाग को सीएम के निर्देशों का पालन करना चाहिए. शिक्षा विभाग सीएम के आदेश को नकार कर अपनी मनमाना कर रहा है.

कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष सईद जाफर का आरोप है कि निजी स्कूलों के सामने शिक्षा विभाग नतमस्तक है. सरकार में मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. विभाग में सीएम का कोई नहीं सुनता है. विभाग अपनी मनमानी कर रहा है. सीएम कुछ और कहते हैं और विभाग कुछ और कह रहा है.

 

 

शिक्षा विभाग आदेश की कॉपी-