शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बड़े कारोबारियो की हत्या करने आए अंतरराष्ट्रीय शूटर्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. शूटर्स सोमवार को दो बड़े कारोबारियों की हत्या करने वाले थे. अंतरराष्ट्रीय स्तर से निर्देश मिलने के बाद रायपुर में पूरा प्लान तैयार किया जा चुका था. लेकिन रायपुर पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए पूरे प्लान को ध्वस्त कर, लौरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े चार शातिर शूटर्स को दबोच लिया. आरोपियो के कब्जे से 1 नग पिस्टल और भारी मात्रा में मैग्जिन बरामद की गई है. पुलिस को शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दो कारोबारियों को 27 मई सोमवार की सुबह से दिन तक हत्या करने का टारगेट दिया गया था. पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.

पहले से एक-एक गोली की फ़ायरिंग की थी पूरी प्लानिंग

पुलिस के सूत्रों के मुताबिक शूटर्स को इतना तक समझाया गया था कि कारोबारियो के शरीर में तीन फ़ायर करनी है. इसके बाद सारे फ़ायर्स कार में और कारोबारियो के साथ रहने वाले लोगों पर करना है. यानी कारोबारियो के साथ रहने वाले ड्राइवर्स या फिर अन्य लोगों का जीवन भी मौत के भेंट चढ़ जाता. इतना ही नहीं कारोबारियो की मौत के बाद इन शूटर्स की हवाई फायर करते हुए मौक़े से फरार होने की प्लानिंग थी. अगर पुलिस समय रहते अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करने में सफल नहीं हो पाती तो कारोबारियों की सोमवार सुबह हत्या हो जाती.

अंतरराष्ट्रीय गिरोह के निशाने पर थे कौन कारोबारी ?

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के दो बड़े कारोबारी निशाने पर रखें गए थे. जिनका कनेक्शन रायपुर, रायगढ़, सूरजपुर से लेकर झारखंड तक है. इन कारोबारियो का रोड कंस्ट्रक्शन, रियलस्टेट समेत कोयला से जुड़ा बड़ा कारोबार संचालित होता है. इतना ही नहीं एक कारोबारी का रायपुर के वीआईपी रोड के पास बड़ा प्रोजेक्ट भी चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक कारोबारी को बीतें दिनों झारखंड में सैकड़ो करोड़ रुपये का ठेका मिला है. इसी मामले पर वसूली और कमीशन देने की बात हुई थी. जिसके बाद से ही अमन साहू जैसे खुख्यात गैंगस्टर लेवी वसूली के लिए निशाने पर रखना शुरू कर दिए. सूत्रों के मुताबिक इंटेलिजेंस और पुलिस की टीम अब कई बिंदुओं पर पड़ताल करेगी, जिससे ये स्पष्ठ हो जाएगा कि क्या और कोई भी कारोबारी इनके निशाने पर थे या नहीं ?

क्या लौरेंस बिश्नोई और गैंगस्टर अमन साहू की है पार्टनरशिप ?

जानकारी इस स्तर तक आ रही है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के गैंगस्टर लौरेंस बिश्नोई और अमन साहू साथ मिलकर काम करने लगे है. सूत्रों के मुताबिक लौरेंस के कई टारगेट अमन साहू के गिरोह ने भी पूरा किया है. अब अमन साहू के टारगेट पर पूरी तरह लौरेंस के गिरोह का खुलासा हो चुका है. बताया जा रहा है कि मलेशिया से जो मयंक सिंह पूरे गिरोह को ऑपरेट कर रहा था. वह लौरेंस का ख़ास शूटर है. मयंक सिंह जिसका असल नाम सुनील कुमार मेढ़ा है. उसके ही गिरोह के सदस्यों ने ही अभिनेता सलमान ख़ान के बंगले के बाहर फ़ायरिंग करवाई थी. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि मयंक सिंह इंटरनेशनल कॉलिंग से पूरे गिरोह को संचालित कर रहा था. जिसका कोई संपर्क इंडिया के नेटवर्क पर नहीं मिल रहा है.

झारखंड ATS, प्रदेश की इंटेलिजेंस और क्राइम ब्रांच पूछताछ में जुटी

पुलिस ने आरोपियो को 5 जून तक की अपने रिमांड पर रखा है. इस दौरान शूटर्स से कई पूछताछ किए जाएंगे. साथ ही उनके कब्जे से बरामद मोबाईल फोन और कोड वर्ड में लिखीं चिट्ठी की पड़ताल की जाएगी.

रायपुर क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी संदीप मित्तल ने बताया कि झारखंड एटीएस, इंटेलिजेंस और क्राइम ब्रांच की टीम शूटर्स से पूछताछ में जुटी हुई है. आरोपियो को किन-किन माध्यम से फ़ंडिंग होती, कारोबारियो की किलिंग का टारगेट किन माध्यम से आया है. इनकी प्लानिंग कितने दिनों से की जा रही थी. इन आरोपियो के संपर्क में और कितने लोग थे. और इनके मोबाईल फोन में जिन नंबरों से कॉल आया है उनका किलिंग से क्या कनेक्शन है. इन तमाम बिंदुओं पर पूछताछ की जाएगी. हम लगातार झारखंड समेत अन्य प्रदेशो के इंटेलिजेंस की टीमो के संपर्क में है. आने वाले समय पर इस मामले से जुड़े और तथ्यों का पर्दाफाश किया जाएगा.

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