प्रतीक चौहान.रायपुर. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद ऐसे वेंडर जो बिरयानी बेचने के लिए अधिकृत नहीं है उन्हें ये बेचने में प्रतिबंध लगा दी है. लेकिन दुर्ग रेलवे स्टेशन में इसे बेचने की संभवतः छूट मिली हुई है. यही कारण है कि टी स्टॉल का ठेका लेने के बाद यहां अधिकारियों की सांठ-गांठ से धड़ल्ले से बिरयानी बेची जा रही है.
दरअसल रेलवे में अवैध वेंडिंग का लंबा खेल है. इस खेल में रेलवे के कमर्शियल विभाग के अधिकारी नीचे से लेकर ऊपर तक और आरपीएफ के हर स्तर के अधिकारी शामिल होते है.
अवैध वेंडिंग के इस खेल में न केवल मंथली रिश्वत बंधी होती है बल्कि समय-समय पर वेंडरों से ‘प्रोटेकॉल’ के नाम पर भी अधिकारियों की डिमांड पूरी की जाती है.
यही कारण है कि सब कुछ जानकर भी अधिकारी ऐसे अंजान बने हुए होते है जैसे उन्हें कुछ पता ही न हो.
खैर अब देखना ये होगा कि दुर्ग रेलवे स्टेशन में हो रही बिरयानी की अवैध वेंडिंग पर रेलवे के अधिकारी कब निंद से जागते है और अवैध वेंडिंग बंद करवाते है.
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