रायपुर- छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल लाने वाली मंत्री की कथित सेक्स सीडी की हकीकत क्या है ! आज लल्लूराम डाॅट काॅम आपको बताने जा रहा है. दरअसल मीडिया को मुहैया कराई गई और सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुई सेक्स सीडी की प्रारंभिक जांच में छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है.

सीडी की वैधता की जांच लल्लूराम डॉट कॉम ने नामी साइबर और आईटी एक्सपर्ट मोहित साहू से कराई गई. फारेंसिक टूल द्वारा की गई जांच में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि इस सीडी में जमकर टेंपरिंग की गई है. जांच से ये पता चलता है कि सबसे पहले इस सीडी को करीब 20 महीने पहले यानि 2 जनवरी 2016 को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 22 सेकंड पर टेंपरिंग की गई. इसके बाद इस वीडियो को एक बार और टेंपरिंग की गई, जिसकी तारीख 25 अगस्त 2017 को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट 3 सेकंड पर दर्ज है. इस वीडियो को टेंपर करने के लिये एडोब आफ्टर इफेक्ट सीएस 6 (Adobe After Effect CS6) सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया. आपको बता दें कि इस सॉफ्टवेयर का उपयोग फिल्मों की एडीटिंग में मुख्य तौर पर किया जाता है.

कैसे होती है फोरेंसिक जांच और क्या है मेटाडेटा ?

किसी भी कैमरे से या मोबाइल कैमरे से जब कोई फोटो या वीडियो लिया जाता है,तो उस डिवाइस का मॉडल नंबर और बाकी डिटेल जैसे कि जीपीएस,अपार्चर,फोकल पाइंट,क्रियेशन डेट और यदि उसमें कोई मॉडिफिकेशन किया जाता है,तो मॉडिफिकेशन की तारीख,समय और सॉफ्टवेयर का नाम दर्ज हो जाता है..इसी दर्ज हुए डेटा को मेटाडेटा कहा जाता है..अब इस मेटाडेटा को फोरेंसिक जांच के दौरान एक्जिफ टूल जैसे सॉफ्टवेयर के द्वारा देखा जा सकता है..आईटी एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि कम्प्यूटर की सामान्य तकनीकी ज्ञान रखने वाला आदमी भी इस बात की जांच कर सकता है. कथित सीडी को बडे स्क्रीन में ध्यान से देखने पर यह दिखता है कि बहुत ही सावधानी से मंत्री राजेश मूणत का चेहरा मार्फ(अर्थात चेहरे के ऊपर चेहरा चस्पा किया गया है) किया गया है..

क्या था पूरा मामला?

दरअसल छत्तीसगढ़ की सियासत में उस वक्त खलबली मच गई थी, जब बीबीसी के पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा की दिल्ली में गिरफ्तारी के बाद राजधानी में मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी जारी कर दी गई. सीडी जारी होने के बाद सियासी हलचलें तेज हो गई. कांग्रेस ने जहां आरोपों की बौछार लगा दी, तो वहीं सत्ता और संगठन को मिलकर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए तमाम आरोपों का खंडन करना पड़ा. पूरे मामले में मंत्री राजेश मूणत ने मंत्रीमंडल के सदस्यों औऱ संगठन के आला नेताओं की मौजूदगी में पीसीसी चेयरमेन भूपेश बघेल और पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई.

हालांकि सिविल लाइन थाने में दर्ज कराए गए मामले के बाद पुलिस सीडी की वैधता और प्रमाणिकता की जांच करेगी, लल्लूराम डाॅट काॅम ने सीडी की हकीकत का पता लगाने की कोशिश की तो ये तथ्य सामने आए हैं. लल्लूराम डाॅट काॅम इन तथ्यों की वैज्ञानिक आधार की पुष्टि नहीं करता, ये केवल तकनीकी विशेषज्ञों से हुई बातचीत और पड़ताल के आधार पर आधारित है.