केंद्रीय मंत्री ने कहा मीसा ने जैसा बयान दिया है, वो लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण है. लोकतंत्र में विश्वास करने वाला ऐसी बात नहीं कह सकता. ऐसा बयान कोई सेवक नहीं, शासक ही दे सकता है.
नई दिल्ली. मोदी सरकार में मंत्री रामकृपाल यादव ने लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा यादव को अपने खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के लिए माफ कर दिया है. मंगलवार को पत्रकारों ने रामकृपाल यादव से इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने भावुक होकर कहा, हमेशा उसके (मीसा भारती) लिए शुभकामना आशीर्वाद ही रहा है. और उसको लगता है कि मेरे हाथ काटने से उसको संतुष्टि मिल जाएगी तो उसके लिए मैं तैयार हूं. मेरा हाथ हमेशा उसको आशीर्वाद देता रहा है और कटा हुआ हाथ भी आशीर्वाद ही देगा.
हालांकि उन्होंने कहा कि मीसा भारती ने जैसा बयान दिया है, वो लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण है. लोकतंत्र में विश्वास करने वाला ऐसी बात नहीं कह सकता. ऐसा बयान कोई सेवक नहीं, शासक ही दे सकता है.
मीसा भारती ने जनसभा में रामकृपाल के हाथ काट देने की कही थी बात
दरअसल मीसा भारती ने बीते 16 जनवरी को पटना के पास बिक्रम इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘जब मुझे पता चला कि राम कृपाल आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं, मेरा मन किया कि मैं उनके हाथ काट दूं.’ मीसा ने कहा, ‘वो (राम कृपाल यादव) हमारे यहां चारा काटते थे. उनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान था. लेकिन उनके लिए हमारा यह सम्मान तब खत्म हो गया जब उन्होंने सुशील कुमार मोदी से हाथ मिला लिया. उस समय मेरा मन किया था कि उसी चारा काटने वाली मशीन से उनके हाथ काट दूं.’
मीसा भारती ने पटना के पास विक्रम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रामकृपाल यादव के आरजेडी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लेने पर उनके ‘हाथ काट’ देने की बात कही थी. बता दें कि राम कृपाल यादव पहले आरजेडी में थे और वो लालू यादव के काफी करीबी थे. मगर 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वो पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. इसकी वजह आरजेडी के पाटलिपुत्र संसदीय सीट से उनके बजाए मीसा यादव को टिकट देना था. राम कृपाल ने 2014 में बीजेपी के टिकट पर पाटलिपुत्र से चुनाव लड़कर आरजेडी की उम्मीदवार मीसा भारती को हराया था.