हेमंत शर्मा, इंदौर। रेलवे द्वारा जमीन अधिग्रहण एवं मुआवजे की राशि को लेकर किसानों में नाराजगी है। नाराज किसान अपनी जमीन रेलवे को देने तैयार है लेकिर शर्त रखी है कि मंत्री की जमीन हम तीन गुना ज्यादा दाम में खरीदने को तैयार है। यदि मंत्री अपनी जमीन हमें दे दो तो, हम रेलवे को जमीन देने तैयार है।

ददरअसल सांवेर विधानसभा क्षेत्र के डकाचिया राऊखेड़ी लसूड़िया परमार, कदवाली बुजुर्ग, कदावली खुर्द, मुसाखेड़ी मेल, कलम जगमाल, पिपलिया जालोद सेमलिया चाऊ आदि जगह से रेलवे लाइन होकर गुजरना है। जिसके लिए जमीन अधिग्रहण रेलवे ने शुरू कर दिया है। इंदौर बुधनी लाइन के लिए किसानों को रेलवे 27 लाख रुपए बीघा मुआवजा दे रहा है जिससे किसान नाखुश है। किसानों का कहना है 6 साल पुराने भाव से मुआवजा तय किया गया है जबकि जमीन के भाव आज करोड़ों में है। वहीं कुछ ही दूरी पर कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट की जमीन है, हम उसे जमीन को खरीदने के लिए तैयार हैं। हमारी जमीन हम 27 लाख रुपए बीघा में दे देंगे और हमें मंत्री की जमीन 3 गुना ज्यादा दाम में दिलवा दीजिए।

मामले को लेकर मंत्री के सामने किसानों ने अपना पक्ष भी रखा। अपनी जमीन के कम दम सुनकर मंत्री मौन नजर आए और चल खड़े हुए। क्षेत्र के किसानों में तुलसी सिलावट को लेकर खासी नाराजगी है। किसानों को नोटिस मिलना भी शुरू हो गए हैं जिसमें किसानों को 27 लाख रुपए बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों का कहना है रेल लाइन का काम 6 सालों से चल रहा है और 6 साल पहले की गाइडलाइन के हिसाब से किसानों को जमीन का मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि इन 6 सालों में जमीन के बाजार मूल्य 20 गुना से ज्यादा बढ़ गए है।

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