रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी में रायपुर नगर निगम ने बीते 4 महीनों में 200 एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध प्लॉटिंग और कब्जे के खिलाफ कार्रवाई की थी. लेकिन जिन जगहों पर बड़ी कार्रवाई की गई, उनमें एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर फिर से अवैध प्लॉटिंग शुरू हो गई है. आलम यह है कि अवैध प्लॉटिंग रोकने के लिए जिन रास्तों को काटा गया था, उनपर दलालों ने मुरूम डलवाकर फिर से रास्ता बना लिया है. इतना ही नहीं, जिन बाउण्ड्री वॉल्स को निगम ने तोड़ा था उन पर ही लिखे गए हैं कि ‘जमीन खरीदने हेतु संपर्क करें’. ऐसे में निगम की कार्रवाई को लेकर
बता दें, पिछले दो महीनों में नगर निगम के दस्ते ने 90 से अधिक स्थानों पर अवैध प्लॉटिंग रोकने के लिए बुलडोजर चलाया था. निगम ने मुख्य रूप से कृषि जमीनों पर अवैध रूप से कटे प्लॉट्स, बाउंड्री वॉल और अस्थायी सड़कें हटाई थीं. हालांकि, इन कार्रवाइयों के बावजूद, निगम का अमला इन क्षेत्रों में फिर से जांच करने तक नहीं पहुंचा.
अब स्थिति क्या है?
गोंदवारा में तीन एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग की गई थी, जहां निगम की कार्रवाई के बाद अब भी दूर-दूर तक बिना लेआउट के छोटे-छोटे प्लॉट बेचे जा रहे हैं. इसी तरह, जरवाय में दो महीने पहले 50 एकड़ जमीन पर की गई कार्रवाई के बावजूद, वहां के लोग अब भी प्लॉट खरीद-बेच रहे हैं. बोरियाखुर्द में भी पांच एकड़ जमीन पर अवैध प्लॉटिंग को हटाया गया था, लेकिन अब यहां फिर से बिना ले-ऑउट अनुमति के ही अवैध प्लॉटिंग का काम जारी है.
कुल मिलाकर 200 एकड़ जमीन पर की गई थी कार्रवाई
निगम के रिकार्ड के अनुसार, 1 सितंबर से 15 दिसंबर के बीच 200 एकड़ से ज्यादा जमीन पर अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. लेकिन इन जगहों पर पहले ही प्लॉट काटकर बेचे जा चुके थे और लोगों को धोखाधड़ी से जमीन बेची जा चुकी थी. अब इन जगहों पर बाउंड्री वॉल के ऊपर संपर्क नंबर तक लिखे जा रहे हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि दलाल फिर से सक्रिय हो चुके हैं.
निगम कमिश्नर का बयान
इस मामले पर रायपुर नगर निगम कमिश्नर, अबिनाश मिश्रा ने कहा कि सभी जोन अधिकारियों को हर कार्रवाई के बाद फॉलोअप करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जमीन दलालों के खिलाफ 50 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं और खसरा नंबर ब्लॉक किए गए हैं. अगर जरूरत पड़ी तो लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए अलग से सेल भी बनाया जाएगा.
अवैध प्लॉटिंग में खरीदी गई जमीन पर क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं?
- अवैध प्लॉटिंग में खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री को फर्जी साबित किया जा सकता है.
- कृषि जमीन पर बिना डायवर्सन के मकान नहीं बनाए जा सकते.
- अवैध प्लॉटिंग में बने मकान का नक्शा निगम से पास नहीं होता है, जिससे कानूनी समस्याएं हो सकती हैं.
अवैध प्लॉटिंग और कब्जे को लेकर नगर निगम की कार्रवाई केवल खानापूर्ती के बराबर ही साबित हो रही है. वहीं अब इस जमीनी हकीकत के सामने आने के बाद यह देखना होगा, कि जमीन की अवैध प्लॉटिग को रोकने के लिए निगम क्या ठोस कदम उठाती है.
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