पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद.  छत्तीसगढ और ओडिशा के बीच जमीन विवाद शुरु हो गया है. छत्तीसगढ के गरियाबंद और ओडिशा के नुआपाडा जिले की सीमा पर ये विवाद शुरु हुआ है. ओडिशा के नुवापडा राजस्व प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के 25 एकड़ जमीन को ओडिशा के किसानों का बता दिया है, इतना ही नहीं पत्थर गाड़ कर सीमा खिंचवा कर पुश्तों से काश्तकारी कर रहे किसानों को बेदखल कर दिया है. साथ ही ओडिशा के किसानों को हल चलाने दे दिया. मामले में आक्रोश फूटा तो मौके मुआयना करने पहुंची नुवापडा कलेक्टर डॉक्टर पोमा टुडू ने यहां के किसानों को जारी की गई पट्टा भी देखा, उसके बाद एसडीएम तारिणी सिंह को जमीन नापने कहा है.

जिसके बाद से देवभोग एसडीएम निर्भय साहू मौके पर अमला के साथ डटे हुए हैं, स्थानीय प्रशासन हर वह सबूत और रिकॉर्ड दिखा रही है. जिसमें स्पस्ट है कि जमीन छतीसगढ़ के किसानों की है. वहीं चार दिन पहले हुए अतिक्रमण पर देवभोग एसडीएम ने जिला कलेक्टर को भेजे प्रतिवेदन में साफ कर दिया है कि ओडिशा द्वारा गुरजा बहाल के सात किसानों के काश्तकारी जमीन समेत नजूल के रकबे मिलाकर कुल 8.50 हेक्टेयर जमीन यानी 25 एकड़ लगभग पर अतिक्रमण किया है.

इस दौरान उन्होंने ना छत्तीसगढ के किसानों की जमीन को अपना बताया बल्कि मौके पर मौजूद गुरजाबहल के किसानों के साथ अभ्रद व्यवहार भी किया. मामले की जानकारी लगते ही गरियाबंद जिला प्रशासन भी एलर्ट हो गया. देवभोग एसडीएम निर्भय साहू ने राजस्व विभाग के एक जॉच दल को मौके के लिए रवाना कर दिया है. फिलहाल दोनो ही प्रदेश के किसान और अधिकारी विवादित जमीन को अपना बता रहे है.

हालांकि छत्तीसगढ के अधिकारियों ने ओडिशा के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल जरुर खड़े किये है. देवभोग एसडीएम का कहना है कि अंतर्राजीय सीमा से जुडा मामला होने के कारण बेहतर होता कि ओडिशा के अधिकारी उनसे संपर्क करते और फिर दोनों प्रदेश के अधिकारी मिलकर मामले को सुलझाते, लेकिन ओडिशा के अधिकारियों ने नियमों का पालन नहीं किया. वहीं धावड़े ने इसे छत्तीसगढ़ के किसानों की जमीन बता रहे है.