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देहरादून. शुक्रवार को उत्तराखण्ड विधानसभा में भू-कानून (Uttarakhand Land Law) को अधिक सशक्त करते हुए ऐतिहासिक संशोधन विधेयक पास किया गया. देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण संतुलन और आमजन के अधिकारों की रक्षा हेतु सख्त भू-कानून नितांत आवश्यक था. सीएम ने कहा कि यह कानून प्रदेश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए अनियंत्रित भूमि खरीद-बिक्री पर रोक लगाएगा और राज्य के मूल स्वरूप को सुरक्षित रखेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण निर्णय उत्तराखण्ड की जनता की भावनाओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हमारी सरकार देवभूमि के सम्मान, संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
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बता दें कि बुधवार को ही धामी कैबिनेट में भू-कानून (Uttarakhand Land Law) को मंजूरी दी थी. लंबे समय से इस कानून की मांग उठ रही थी. अब यह भू-कानून बिल आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा. इस बिल को लेकर सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो राज्य के विकास को लेकर अहम होगा.
बनी रहेगी प्रदेश की मूल पहचान- सीएम
भू-कानून को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है. यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा. साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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