रायपुर। शासकीय भूमि जो की 13 दिसंबर 2005 के पहले छोटे झाड का जंगल था जिसको रिकार्ड में छेड़छाड़ कर निजी भूमि बताकर रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया है.

मामला अंबिकापुर का है. जिसमें ज़मीन के क्रेता राजेश वर्मा हैं. जो मंत्री अमरजीत भगत के निज सहायक हैं. उन्होंने 12 जून को एक फैजल सिद्दीकी की रजिस्ट्री तीन लाख बीस हज़ार में कराई. ये जमीन मैनपाट के आमगांव की है. इसका प्रथम दृष्टया प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि बिक्री नकल दस्तावेजों में बिक्री हेतु प्रस्तावित भूमि को पटवारी द्वारा चिन्हांकित नहीं किया गया. न ही पटवारी द्वारा इसका नक्शा जारी किया गया है. यह जमीन 13 दिसंबर 2005 के पहले ये छोटे झाड का जंगल ( शासकीय भूमि) थी.

इस मामले में गंभीर बात है कि उक्त भूमि पहले छोटे झाड़ का जंगल था. जिसका बाद में पट्टा बनवाया गया. इसके चलते इसकी बिक्री दस्तावेज तहसीलदार एवं पटवारी से नहीं लिए गए और कूटरचना कर दस्तावेज तैयार करा लिए गए. जानकारी के मुताबिक इस मामले में पटवारी ने दस्तावेज़ देने से इनकार किया था. जिसका तबादला कर दिया गया, इसके बाद भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करा ली गई. आशंका जताई जा रही है कि दस्तावेज़ न देने की वजह से पटवारी का तबादला किया गया होगा.

सेटलमेंट रिकॉर्ड में उक्त ज़मीन छोटे झाड़ के जंगल के रूप में शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज है. स्थानीय लोगों के मुताबिक इसमें कूटरचना करके इसका फर्जी पट्टा लिया गया था. इसी वजह से मंत्री के निज सचिव एवं विक्रेता ने बिक्री नकल तहसील कार्यालय से जारी नहीं कराया. अगर नकल निकलवाया जाता तो ये बात साफ हो जाती कि क्योंकि यहां से यह स्पष्ट हो जाता कि उक्त जमीन छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज पाया जाता.