नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण श्रमिकों का स्वास्थ्य चेकअप किया जाएगा. इसके अलावा बच्चों के लिए मोबाइल क्रेच की सुविधा भी शुरू होगी. डॉक्टर ऑन व्हील योजना के तहत कंस्ट्रक्शन साइट्स पर श्रमिकों की यह स्वास्थ्य जांच होगी. आधुनिक सुविधाओं से लैस मोबाइल क्रेच भी होगी. निर्माण साइट्स पर ही श्रमिकों के बच्चों को डे-केयर भी मिलेगा. दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 600 करोड़ से अधिक की सहायता राशि देकर आर्थिक मदद की गई है. निर्माण श्रमिकों के लिए केजरीवाल सरकार 17 वेलफेयर स्कीम चला रही है. पिछले साल इन स्कीमों के तहत निर्माण श्रमिकों को 13 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई थी. दूसरी तरफ सरकार से मिलने वाली सुविधाओं की निर्माण श्रमिकों के पास आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड अपनी वेबसाइट को अपग्रेड कर रहा है.

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दिल्ली कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड की 39वीं बोर्ड मीटिंग

मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में सोमवार को दिल्ली कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड की 39वीं बोर्ड मीटिंग का आयोजन किया गया. बैठक में निर्माण श्रमिकों के लिए कई स्कीम लाने पर चर्चा हुई. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में बोर्ड के पास लेबर कार्ड बनवाने के लिए 17 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं. ऐसे में पात्र लोगों को ही इसका फायदा मिले, ये सुनिश्चित करने के लिए श्रम मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सोशल ऑडिट करवाने का निर्देश दिया. इसके लिए 2 सदस्यीय कमिटी बनाई जाएगी, जो ऑडिट के लिए बोर्ड को अपने प्रपोजल भेजेगी और उसके अनुसार ऑडिट करवाया जाएगा.

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DSEU चला रही ‘कुशल कर्मी’ नाम से ट्रेनिंग प्रोग्राम

दिल्ली सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों की अपस्किलिंग के लिए दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी द्वारा कुशल कर्मी नाम से एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जहां निर्माण श्रमिकों को निर्माण स्थल पर ही ट्रेनिंग दी जाती है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा इस स्किल प्रोग्राम की प्रगति की समीक्षा की गई. यहां अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में ये प्रोग्राम 3 निर्माण स्थलों पर 200 निर्माण श्रमिकों के साथ पायलट फेज में चलाया जा रहा है और इसके अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं. पायलट फेज के अनुभवों के आधार पर इस स्किल प्रोग्राम के दायरे को बढ़ाते हुए पीडब्लूडी, डीडीए, डीएमआरसी द्वारा चल रहे विभिन्न कंस्ट्रक्शन साइट के माध्यम से 2 लाख निर्माण श्रमिकों की अपस्किलिंग की जाएगी. बता दें कि 120 घंटे की इस ट्रेनिंग को पूरा करने वाले निर्माण श्रमिकों को कोर्स का सर्टिफिकेट व टूल-किट उपलब्ध करवाया जाता है.

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