चंद्रकांत/बक्सर: जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत नरबतपुर गांव निवासी और भारतीय सेना के हवलदार सुनील कुमार सिंह को रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. वे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में तैनात थे, जहां 9 मई की रात पाकिस्तानी ड्रोन हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. 27 दिनों तक इलाज चलने के बाद 5 जून की शाम उन्होंने उधमपुर स्थित सैन्य अस्पताल में अंतिम सांस ली.
सेना द्वारा दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
रविवार को उनका पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा, हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. पार्थिव शरीर को कंधों पर उठाकर तिरंगा यात्रा के रूप में गांव से रानी घाट तक ले जाया गया. भारत माता की जय, वंदे मातरम् और ‘सुनील सिंह अमर रहें’ के नारों से वातावरण गूंज उठा. गंगा घाट पर अंतिम संस्कार से पहले उन्हें सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. वहीं, जिलाधिकारी विद्यानंद सिंह और आरक्षी अधीक्षक शुभम आर्य भी मौके पर पहुंचे और शहीद को पुष्प अर्पित कर नमन किया.
‘सुनील सिंह में अद्भुत साहस था’
शहीद की अंतिम क्रिया उनके 14 वर्षीय बेटे सौरभ यादव ने की. मुखाग्नि देने से पहले बेटे और बुजुर्ग पिता ने कांपते हाथों से अपने वीर को सैल्यूट किया. वहीं छोटे भाई, जो खुद भी सेना में हैं, ने पार्थिव शरीर के पास श्रद्धा से सिर झुकाया तथा उन्हें सैन्य अंदाज में सैल्यूट किया. परिवार वालों ने बताया कि सुनील सिंह में अद्भुत साहस था. उनका छोटा भाई कहता है- “वे वेंटिलेटर पर रहते हुए भी मुस्कराते थे और कहते थे– टेंशन मत लो.”
‘देश को उन पर गर्व रहेगा’
इससे पहले शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर उधमपुर से दिल्ली और फिर पटना लाया गया. पटना एयरपोर्ट पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई अन्य नेताओं ने शहीद को श्रद्धांजलि दी. वहीं, जिला परिषद सदस्य डॉ. मनोज कुमार यादव ने कहा कि चौसा की ऐतिहासिक धरती एक बार फिर गौरवान्वित हुई है. यह वही भूमि है, जहां शेरशाह और हुमायूं का युद्ध हुआ था. आज एक और वीर सपूत की शहादत से यह माटी धन्य हुई है. हालांकि परिवार को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई संभव नहीं, लेकिन देश को उन पर गर्व रहेगा.
‘हमेशा सम्मानपूर्वक याद किया जाएगा’
कांग्रेस के सदर विधानसभा प्रभारी पंकज कुमार उपाध्याय ने कहा कि सुनील कुमार सिंह की शहादत न केवल बक्सर बल्कि बिहार के लिए गर्व की बात है. जब मुझे पहले जानकारी मिली कि वे घायल हैं, तो मैं गांव जाकर परिवार से मिला था. आज जब अंतिम यात्रा में शामिल हुआ तो देखा– पूरे रास्ते से लेकर गंगा घाट तक लोग तिरंगा लिए खड़े थे. कांग्रेस पार्टी इस दुःख की घड़ी में परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. सुनील कुमार सिंह की यह वीरगाथा नरबतपुर गांव ही नहीं, पूरे बक्सर जिले को गौरव प्रदान करती है. उनके बलिदान को हमेशा सम्मानपूर्वक याद किया जाएगा.
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