प्रदीप गुप्ता, कवर्धा- दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आज शुभारंभ हो गया. दुर्ग रेंज के कमिश्नर दिलीप वशनिकर ने महोत्सव का शुभारंभ किया. कमिश्नर के साथ संस्कृति विभाग का डायरेक्टर अनिल साहू कार्यक्रम में शामिल हुए.
इसके अलावा जिला कलेक्टर अवनिश कुमार शरण एवं जिला पंचायत कुंदन कुमार, एसपी डॉ लाल उमेद सिंह, डीएफओ दिलराज प्रभाकर एवं जिले के आला अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने मतदाता जागरुकता के लिए शपथ दिलाई.
बता दें कि भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत 1995 में हुआ था. लगातार अपने बुलंदियों तक पहुंच रही थी लेकिन विगत चार साल से महोत्सव को मानो नजर लग गई है. यहां अब न तो ऐसे कलाकार बुलाये जाते हैं और न ही महोत्सव की ख्याति के लिए कोई विशेष काम किया जा रहा है. इस साल भी ऐसे कलाकारों को बुलाये गए हैं. जिन्हें ज्यादातर लोग जानते ही नहीं. अगर यही हाल रहा तो महोत्सव की छवि धूमिल होते देर नहीं लगेगी. हालांकि इस बार देश में लोकसभा का चुनाव होने वाला है इसके कारण से आचार संहिता के बीच भोरमदेव महोत्सव का अयोजन किया गया है, उम्मीद थी कि इस बार आयोजन बेहतर होगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. यही कारण है कि पहले दिन ज्यादातर कुर्सियां खाली रही, जहां अधिकारी कर्मचारी ही नजर आ रही है.
जब भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत की गई थी तब कवर्धा ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग कार्यक्रम देखने आते थे. दर्शकों की भीड़ एवं बढ़ती ख्याति के कारण महोत्सव को एक दिन से तीन दिन किया गया था. महोत्सव में लोगों के आने के लिए गांव-गांव से गाडियां चलाई जाती थी. महोत्सव स्थल के आसपास रूकने एवं खाने की व्यस्था की जाती थी. लेकिन विगत चार साल से देखा जाये तो महोत्सव एक औपचारिकता मात्र बन कर रह गई. जहां नौकरशाही हावी है. इसके विपरित राजिम महोत्सव, जजल्यदेव महोत्सव, चक्रधर समारोह सहित अनेक महोत्सव जो पहले एक दिन का हुआ करता था, वह आज पांच से सात दिनों तक हो रहा है. वहीं भोरमदेव महोत्सव को तीन दिन से घटाकर दो दिन कर दिया गया.