रायपुर। राज्य के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता का लाभ नहीं दिए जाने पर सियासत तेज हो गई है. सरकार आर्थिक स्थिति मज़बूत होने की बात कहती है, लेकिन बदहाली खुलकर बाहर आ गई है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि निगम, मंडल और आयोग में जब नियुक्ति की बारी आती है, तो सरकार अमीर हो जाती है, लेकिन कर्मचारियों के हितों की बात आती है, तो यही सरकार गरीब हो जाती है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश की सरकार महंगाई भत्ता को लेकर जिस तरह की नीति अपनाई हुई है. इससे प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारियों में आक्रोश है. जब बिजली कर्मियों का डीए केन्द्र के समान बढ़ा दिया जाता यह अच्छी बात है, लेकिन अन्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की उपेक्षा किस लिए की जा रही है.

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों-अधिकारियों का डीए 17 प्रतिशत के बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन एक ओर प्रदेश की सरकार एक ओर 17 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत ही डीए दे रही है. वही दूसरी ओर केन्द्र के डीए से 16 प्रतिशत कम डीए है. जिसे लेकर कर्मचारियों अधिकारियों में लगातार आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि जब में हरियाणा, राजस्थान में 28 प्रतिशत डीए का एलान किया जा चुका है. जब प्रदेश के बिजली कर्मियों 28 प्रतिशत डीए बढ़ा कर दिए जाने के आदेश हो गया हैं, तो प्रदेश के अन्य विभागों के कर्मचारियों-अधिकारियों की उपेक्षा किस लिए की जा रही है. जबकि प्रदेश के कांग्रेस सरकार को डीए बढ़ने को तत्काल कर्मचारियों-अधिकारियों के हित में फैसला लेना चाहिए. इस मांग को लेकर लंबे समय से प्रदेश के सभी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया था.

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