कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। पंचायती निरंजनी अखड़े के महामंडलेश्वर मिर्ची बाबा ने फिल्म ‘काली’ और ‘आश्रम’ के निर्देशकों का सिर काटकर लाने वालों को 20 लाख इनाम देने का ऐलान किया है. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने इस विवादित बयान पर नाराजगी जाहिर की है. गोविंद सिंह का कहना है कि वह मिर्ची बाबा के प्रतिनिधि नहीं है, लेकिन उन्होंने प्रजातांत्रिक देश में गैर प्रजातांत्रिक बात की है. इसलिए वह उनकी इस भाषा से सहमत नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह यह भी कहना है कि किसी को भी सजा देने का अधिकार सिर्फ न्यायालय को ही है. किसी राजनेता, संत महात्मा या सरकार को नहीं है. मिर्ची बाबा को यदि कोई आपत्ति थी तो उन्हें न्यायालय की शरण लेना चाहिए थी. इस तरह की बात करना उचित नहीं माना जा सकता.
मिर्ची बाबा द्वारा कांग्रेस पार्टी के अंदर साधु संतों का अपमान करने वाली गैंग को लेकर कही गई बात पर कहा कि साधु संत को अपनी गरिमा खुद बनाना चाहिए. उन्हें कैसा आचरण और भाषा का उपयोग करना चाहिए, इसके बारे में सोचना चाहिए. डॉक्टर गोविंद सिंह ने मिर्ची बाबा को सलाह दी है कि उनकी जो भाषा शैली है, वह प्रजातांत्रिक देश में नहीं चलती है.
बता दें कि मिर्ची बाबा ने फिल्म ‘काली’ और ‘आश्रम’ के निर्देशकों का सिर काटकर लाने वालों को 20 लाख इनाम देने का ऐलान किया है. फिल्म ‘काली’ पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते दिखाए जाने पर पंचायती निरंजनी अखड़े के महामंडलेश्वर मिर्ची बाबा ने कहा था कि यह हिंदू धर्म पर कुठाराघात है. इसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. मैं भारत वर्ष में घोषणा करता हूं कि ऐसी फिल्म बनाने वालों का अगर कोई सिर काट कर लाता है, तो मैं उसे 20 लाख रुपए और आश्रम की पूरी संपत्ति दे दूंगा. ये हिन्दू धर्म को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश है. ऐसे निर्देशकों का जब तक सिर नहीं कटेगा, तब तक यह राक्षस नहीं मानेंगे.
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